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सिर्फ पैरामेडिकल स्‍टाफ नहीं बल्कि समर्पित पैरामेडिकल स्‍टाफ बनें

0 बोरा इंस्‍टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्‍थ साइंसेज में ओरियन्‍टेशन प्रोग्राम आयोजित
0 लोहिया विश्‍वविद्यालय, अयोध्‍या के कुलपति ने बोरा इंस्‍टीट्यूट के टॉपर्स का किया सम्‍मान

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। पैरामेडिकल स्‍टाफ विशेषकर कार्य के प्रति समर्पित पैरामेडिकल स्‍टाफ की आज बहुत कमी है। इसलिए अगर अपनी पढ़ाई को पूर्ण समर्पण की भावना से पूरा किया तो निश्चित ही आप एक काबिल और भरोसेमंद प्रोफेशनल के रूप में तैयार होंगे और आपके लिए काम की देश और विदेश सभी जगह पूछ होगी। अपनी गुणवत्‍तापूर्ण प्रोफेशनल जिम्‍मेदारियों को पूरा करना आपका दायित्‍व है। हमारे पूर्वजों ने अपने गुणवत्‍तापूर्ण कार्यों से दुनिया का जो विश्‍वास हासिल किया है, उसका लाभ लें और इस विश्‍वास को बनाये रखें।

यह बात सोमवार को यहां बोरा इंस्‍टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्‍थ साइंसेज, लखनऊ में संस्‍थान में विभिन्‍न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले नये विद्यार्थियों के लिए आयोजित ओरियन्‍टेशन प्रोग्राम में मुख्‍य अतिथि डॉ राम मनोहर लोहिया विश्‍वविद्यालय, अयोध्‍या (अवध विश्‍वविद्यालय) के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने कही। उन्‍होंने कहा कि नर्स सहित सभी पैरा मेडिकल स्‍टाफ की देश ही नहीं विदेशों में भी कमी है। उन्‍होंने कहा कि आज भारत के युवा के पास अपना उद्देश्‍य पूरा करने का मौका है, वह अपनी ऊर्जा का उपयोग सही तरीके से कर पा रहा है। उन्‍होंने कहा कि गुणवत्‍तापरक सेवाओं का अवश्‍य ध्‍यान रखें, क्‍योंकि एक बार वह भी पैरामेडिकल स्‍टाफ की खराब सेवा का शिकार हो चुके हैं।

प्रो दीक्षित ने कहा कि आपको भारतीय होने का भी एक बड़ा फायदा मिल सकता है। उन्‍होंने कहा कि विदेशों में भारत की काबिलियत का लोहा माना जाता है, इसलिए जब लोगों को पता चलता है कि आप भारत से हैं, तो आपकी काबिलियत के बारे में एक अलग ही धारणा बन जाती है। उन्‍होंने कहा कि ऐसा इसलिए है कि हमारे पूर्वजों ने दुनिया का यह विश्‍वास अपने कार्य व्‍यवहार से जीता है। उन्‍होंने कहा कि यह विश्‍वास ही आपकी पूंजी है, इसे बनाये रखें। पिछले दिनों मैं जब विदेश गया था तो वहां एक पाकिस्‍तानी ने उनसे कहा कि जो भारतीयों ने अर्जित किया है, वह पाकिस्‍तानियों ने नहीं।

डॉ नीरज बोरा ने कहानी के जरिये दिया विद्यार्थियों को गूढ़ संदेश

इंस्‍टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्‍टर व विधायक डॉ नीरज बोरा ने नये विद्यार्थियों को गूढ़ रहस्‍य वाली कहानी का उदाहरण देते हुए अपना संदेश दिया। अपने संदेश में उन्‍होंने कहा कि एक बार एक मूर्तिकार जा रहा था तभी उसने एक पत्‍थर को देखा तो उसे तराश कर मूर्ति का रूप देना चाहा, जैसे ही उस पर हथौड़ी से प्रहार किया तो प्रहार की मार से डरकर पत्‍थर ने प्रहार करने से रोक दिया। मूर्तिकार ने बहुत समझाया लेकिन उस पत्‍थर की समझ में नहीं आया। इसके बाद पास ही पड़े दूसरे पत्‍थर को मूर्तिकार ने तराशना शुरू किया, तो उसे भी दर्द तो हुआ लेकिन वह चुपचाप रहा, देखते ही देखते मूर्तिकार ने उस पत्‍थर का तराश कर भगवान की भव्‍य प्रतिमा बना दी। मूर्तिकार वहां से चला गया। कुछ वर्षों बाद मूर्तिकार उधर से गुजरा तो उसने देखा कि उस स्‍थान पर एक भव्‍य मंदिर बना हुआ है, लोग उसी मूर्ति की पूजा कर रहे हैं जो वर्षों पूर्व उसने तराश कर बनायी थी। यही नहीं उस मूर्ति के पास एक और पत्‍थर था जिस पर भक्‍त नारियल फोड़ कर मूर्ति पर चढ़ा रहे थे। दरअसल वह पत्‍थर वही था जिसने अपने आपको उस समय तराशने से इनकार कर दिया था।

डॉ बोरा ने कहा कि इस कहानी से आप लोगों को यह सीखना है कि आप जिस कोर्स को भी कर रहे हैं उसमें पूरा मन लगाकर पढ़ें, आपके टीचर आपको जो सिखाना चाहते हैं, उसे सीखें, क्‍योंकि यही सीख आपको जीवन भर उस मूर्ति की तरह उपयोगी रखेगी।

डॉ बोरा ने कहा कि अगर हम बीएससी एमएलटी (बैचलर ऑफ साइंस इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्‍नोलॉजी) की बात करें तो आने वाले समय में इनकी बहुत आवश्‍यकता होने वाली है, क्‍योंकि पैथोलॉजी लैब में इस योग्‍यता के बिना कोई भर्ती नहीं होगी, क्‍योंकि लैब के लिए एनएबीएल का सार्टीफि‍केट जरूरी है, और यह सा‍र्टीफि‍केट बिना योग्‍य कर्मियों के मिलेगा नहीं। इसी प्रकार से अन्‍य कोर्स के महत्‍व के बारे में भी जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि आप लोगों को इस पर गर्व होना चाहिये कि आप उस संस्‍थान से अपनी शिक्षा ग्रहण करने रहे हैं जहां के विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत से अपना, मा‍ता-पिता का और संस्‍थान का नाम रौशन किया है। उन्‍होंने बताया कि इस वर्ष भी हमारे संस्‍थान के दो बच्‍चे कुंदन सिंह और अभिलाषा ने टॉपर्स में अपना नाम लिखाया है।

इस मौके पर इन दोनों मेधावी विद्यार्थियों को कुलपति प्रो दीक्षित ने बोरा इंस्‍टीट्यूट की ओर से पुरस्‍कृत कर आशीर्वाद दिया। इन दोनों को आगामी 19 सितम्‍बर को होने वाले डॉ राम मनोहर लोहिया विश्‍वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी अलंकृत किया जायेगा। इस मौके पर संस्‍थान की डायरेक्‍टर बिन्‍दु बोरा ने संस्‍थान के बारे में जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनायें दीं, उन्‍होंने कहा कि आपकी कोई भी समस्‍या हो, उसे प्रबंधन को अवश्‍य बतायें लेकिन अपना ध्‍यान पढ़ाई में लगायें क्‍योंकि यही आपकी भविष्‍य की पूंजी है। इस मौके पर पंकज बोरा, उप प्रधानाचार्य अनीश मोहन, बरखा भट्ट सहित संस्‍थान की अन्‍य फैकल्‍टी, कर्मचारी, विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।