10 जून से शुरू हुआ है दस दिवसीय अभियान, 2021 तक लखनऊ को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आजकल चलाये जा रहे टीबी मरीज को खोजने के अभियान के पांच दिन बाद ही जो रिपोर्ट आयी है, वह चौंकाने वाली है, 3 लाख 20 हजार 192 लोगों की पांच दिनों में जो स्क्रीनिंग की गयी है उसमें 1239 लोगों में टीबी यानी क्षय रोग के लक्षण पाये गये और इन लोगों की जब जांच की गयी तो इनमें से 93 रोगियों में टीबी होनेकी पुष्टि हुई। संख्या में भले ही यह 93 दिख रहे हैं लेकिन ये 93 ही साल भर में 1395 लोगों में टीबी फैला सकते हैं। आपको बता दें कि टीबी का एक मरीज साल भर में 15 लोगों को टीबी की बीमारी दे सकता है।
इस तरह से कहा जा सकता है कि टीबी से ग्रस्त ये 93 मरीज जाने-अनजाने छिपे हुए थे, इन्हें टीबी का इलाज मिलना चाहिये था, वह नहीं मिल रहा था, नतीजा यह है कि जहां इसके इनका स्वास्थ्य दिन पर दिन खराब हो रहा था वहीं ये अपने आसपास के लोगों के लिए भी खतरा बने हुए थे।
आपको बता दें कि भारत से टीबी के उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री ने 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि लखनऊ से टीबी के खात्मे के लिए यह लक्ष्य 2021 रखा गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह कवायद की जा रही है जो वाकई रंग भी ला रही है, कम से कम आंकड़े तो यही कह रहे हैं। यहां यह बता दें कि इस कार्य में लगे हुए लोगों के कंधों पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है क्योंकि अगर ग्राउन्ड पर हुए कार्य में लापरवाही हुई तो इंसान की जान के साथ ही सारी मेहनत और धन खर्च करना बेकार है।
जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा जारी समाचार में बताया गया है कि जनपद लखनऊ में 10 दिवसीय टीबी खोज अभियान की समीक्षा के लिए आज जिला क्षय रोग अधिकारी लखनऊ डॉ वीके सिंह की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई। बैठक में मूल्यांकन उपरांत यह पाया गया कि 10 दिवस कार्य के अंतर्गत 5 लाख 40000 व्यक्तियों की 750 सदस्य दल द्वारा स्क्रीनिंग की जानी है पांच दिन के कार्य समापन के उपरांत 320192 व्यक्तियों की क्षय रोग से संबंधित तथा डायबिटीज की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 1239 व्यक्तियों में क्षय रोग के लक्षण पाए गए जिनके जांच के उपरांत कुल 93 क्षय रोगी चिन्हित किए गए।
बताया गया है कि सभी चिन्हित क्षय रोगियों को प्रशिक्षित आरएनटीसीपी स्टाफ के द्वारा चिकित्सक की देखरेख में उनके आवास के निकट उपचार की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई है। बताया गया कि अभियान के अंतर्गत सबसे ज्यादा टीबी के रोगी सरोजिनी नगर ब्लॉक में पाए गए चिन्हित सभी क्षय रोगियों को भारत सरकार के द्वारा निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 500 रुपये प्रतिमाह के भुगतान की भी व्यवस्था प्रारंभ करा दी गई है जो डीबीटी के माध्यम से शीघ्र ही उनके खातों में प्रतिमाह उपचार अवधि तक स्थानांतरित कर दी जाती रहेगी। इस अभियान की जनपद स्तरीय समीक्षा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल द्वारा की जा रही है।