केजीएमयू में अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस समारोह में कुलपति ने किया आह्वान
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ नर्सिंग द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्सेस दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन कलाम सेंटर में किया गया। इस अवसर पर उपरोक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग छात्र-छात्राओं से सामाजिक कार्यो में उनकी भूमिका के महत्व को समझाते हुए कहा कि फ्लोरेंस नाइटेंगल जैसा सेवा भाव ही इस प्रोफेशन की सबसे पहली सीख है और नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को सिर्फ अस्पतालों तक ही इस कार्य को सीमित नहीं रखना चाहिए। प्रत्येक छात्र-छात्राओं को अपने आस-पास के एक गांव को गोद लेना चाहिए और माह में एक बार वहां के मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए केजीएमयू की तरफ से उन्हें जो मदद चाहिए वह उसके लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
कुलपति ने अंतरराष्ट्रीय नर्सेस दिवस पर 12 मई को कॉलेज ऑफ नर्सिंग द्वारा आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप में 4 फैकेल्टी सदस्य और 37 छात्र-छात्राओं द्वारा रक्त दान किए जाने की सराहना की।
कार्यक्रम में डीन, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग, एरा मेडिकल कॉलेज लेफ्टनेंट कर्नल रीना भोवाल ने कहा कि किसी भी चिकित्सालय में सर्वप्रथम मरीज और उनके तीमारदारों का सम्पर्क नर्स से ही होता है और मेडिकल प्रोफेशन में सबसे पहले पेशेंट केयर की बात आती है इसलिए एक नर्स द्वारा किए गए मधुर व्यवहार मरीज के आधे दर्द को खत्म कर देता है।
इस अवसर पर डीन, कॉलेज ऑफ नर्सिंग डॉ मधुमति गोयल ने कहा कि नर्सिंग का प्रोफेशन सामाजिक कार्य की तरह ही सेवा भाव से किए जाने वाला कार्य है और अपने कर्तव्य मार्ग पर डटे रहते हुए सेवा भाव के माध्यम से चिकित्सा संस्थान का नाम पूरे विश्व में रोशन करना है। नर्स अस्पताल की अतिथ्य होती हैं। किसी भी चिकित्सक द्वारा जब मरीज को चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है या उसकी सर्जरी हो जाती है तो उसके पश्चात नर्सो द्वारा उनकी देखभाल की जाती है। इस प्रकार नर्सो का चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत ही बड़ा योगदान है और नर्से हेल्थ केयर इण्डस्टीज का एक अह्म भाग हैं।
डीन, फैकल्टी ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस डॉ विनोद जैन ने कहा कि नर्सिंग के कार्य को सेवा और पूजा समझ कर करना चाहिए। मरीज की सेवा भगवान की सेवा समझ कर करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने टीम भावना के साथ काम करने की अपील करते हुए कहा कि आपका सबसे बेहतर प्रदर्शन तब निकल कर आना चाहिए जब आपके सामने सबसे कठिन परिस्थिति हो।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार ने बताया कि विश्व युद्ध के समय घायल सैनिकों की मृत्युदर करीब 72 प्रतिशत थी किन्तु जब उन्हें फलोरेंस नाइटेंगल द्वारा नर्सिंग सेवा प्रदान की जाने लगी तो यह घटकर करीब 21 प्रतिशत ही रह गई थी। इस प्रकार आप सबकी चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय भूमिका है। आप सब लोग अपने कर्तव्य से कभी विमुख मत होना।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य, कॉलेज ऑफ नर्सिंग डॉ रश्मि पी जॉन द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर बीएससी नर्सिंग एवं एमएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों को उनके शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक उपलब्यिों के लिए तथा 12 मई 2019 को कॉलेज ऑफ नर्सिंग द्वारा आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप में 4 फैकेल्टी सदस्य और 37 छात्र-छात्राओं द्वारा रक्त दान किए जाने के लिए सम्मानित भी किया गया।