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85 फीसद मुसलमानों को निराशा हाथ लगी है पुराने पर्सनल लॉ बोर्ड से

-एमपीएलबीआई ने कहा, एकजुट करने के बजाय कौम को बांटने की साजिश की गयी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया (एमपीएलबीआई) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारणी व प्रतिनिधि अधिवेशन अगस्त के आखिरी सप्ताह में लखनऊ में आयोजित किया जाएगा, बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद यूसुफ अज़ीज़ी व राष्ट्रीय महासचिव डॉ मोईन अहमद खान ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पुराने पर्सनल लॉ बोर्ड से 85 फीसद मुस्लिम समुदाय को निराशा हाथ लगी।

कोर कमेटी की बैठक के बाद प्रेस क्‍लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पदाधिकारियों ने कहा कि पुराने पर्सनल लॉ बोर्ड ने धार्मिक उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर कभी मुखरता से विरोध नहीं किया, कौम को एकजुट करने के बजाय उस पर मात्र अपना नियंत्रण बनाये रखने के लिए बांटने की सियासत करने का षड्यंत्र करते रहे हैं जिस कारण से कौम तालीमी, समाजी, कारोबारी, सियासी दौड़ में लगातार पिछड़ता गया और आज सबसे संकट पूर्ण दौर से गुजर रहा है।

उन्‍होंने कहा कि इन्हीं सबको देखते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया का मार्च 2017 में गठन किया गया और देशभर में संगठन की इकाइयों का गठन कर लिया गया है। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में मुस्लिम समुदाय को तरह-तरह से अपमानित, उत्पीड़ित किया जा रहा है व उसकी इबादतगाहों को शहीद किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के हित मे ऐसी स्थितियां उचित नहीं हैं। धर्म के आधार पर उत्पीड़न न्याय या तर्कसंगत नहीं हो सकता है, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य अत्यधिक घृणास्पद बनाकर सत्ता हासिल करना हमारे लोकतांत्रिक ढांचे का विनाश कर देगा जिसका लाभ भारत विरोधी शक्तियां उठाने का प्रयास करेंगी, जो देश के लिए संकट उतपन्न कर सकता है, इससे बचने के लिए एमपीएलबीआई राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है, राष्ट्रीय कार्यकारणी व अधिवेशन में इस अभियान को अंतिम रूप दिया जायेगा।

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