-निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया की अपील का नर्सों पर असर नहीं

नयी दिल्ली/लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की करीब 5000 नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं। नर्सों की मांगों में छठे केंद्रीय वेतन आयोग के प्रस्तावों को मानने की भी मांग है। दूसरी ओर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि महामारी के इस दौर में सच्चे नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते। नर्स यूनियन को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नर्स यूनियन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाएंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। एम्स के निदेशक की अपील का असर फिलहाल नर्स यूनियन पर दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं, नर्स यूनियन के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से अस्पताल में भर्ती किए गए मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है।
हालांकि एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन की प्रमुख 23 मांगें हैं जो सरकार और एम्स प्रशासन ने मान ली हैं। इसमें उनकी एक प्रमुख मांग छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना है। इसके अलावा उन्होंने नर्स यूनियन से अपील की कि वह हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें और महामारी से लड़ने में हमारी मदद करें। साथ ही डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन को न सिर्फ एम्स प्रशासन बल्कि सरकार भी समझा चुकी है कि उनकी सैलरी बढ़ाने की मांग पर विचार किया जाएगा। इसके बावजूद महामारी के समय में वेतन बढ़ाने की बात करना एकदम गलत है।

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