-अगस्त तक पूरी हो जायेंगी तैयारियां, अक्टूबर में जताया गया है अनुमान
-संक्रमितों में 18 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 40 फीसदी होने की संभावना
-केजीएमयू से संचालित होगा स्वास्थ्य कर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण
-यूपी में एक मेडिकल कॉलेज से जुड़े होंगे 2 से 4 जिला अस्पताल
-प्रत्येक जिला अस्पताल में 25 बेड की पीआईसीयू चलाया जाना प्रस्तावित

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोविड की संभावित तीसरी लहर में बच्चो को संक्रमण से बचाने के लिए केजीएमयू द्वारा सम्पूर्ण तैयारियां की जा रही है। तीसरी कोविड लहर का अक्टूबर 2021 तक आने का अनुमान जताया गया है लेकिन केजीएमयू द्वारा अगस्त 2021 के मध्य तक इसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएगी। इन तैयारियों में बेड व उपकरणों के साथ ही चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण भी शामिल है। केजीएमयू द्वारा अन्य संस्थानों की मदद से यूपी के मेडिकल कॉलेजों के स्वास्थ्य कर्मियों को यह प्रशिक्षण ऑनलाइन दिया जायेगा। एक मेडिकल कॉलेज से 2 से 4 जिला अस्पताल जुड़े होंगे, इन अस्पतालों में प्रत्येक में 25 बेड की पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) होगी।
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह द्वारा बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शैली अवस्थी के हवाले से दी गयी जानकारी में कहा गया है कि केजीएमयू में 100 बेड्स वाला बाल चिकित्सा COVID अस्पताल मनोचिकित्सा विभाग में लगभग तैयार हो चुका है, जिसमें 50 पीआईसीयू / एचडीयू बेड्स और 50 ऑक्सीजनयुक्त बेड्स आइसोलेशन में हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसी संभावना है इस लहर में, लगभग 40% मामलों की संख्या 0-18 वर्ष की आयु सीमा में होगी जबकि यह पहली और दूसरी लहर में 12% थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय सम्पूर्ण भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगो का टीकाकरण किया जा रहा है, अतः बाल आयु वर्ग का प्रतिरक्षा तंत्र संक्रमण से लड़ने के लिए विकसित नहीं हुआ है। साथ ही स्कूल खोलने से, बाल वर्ग में कोविड नियम का अनुपालन सुनिश्चित करने में कठिनाई तथा वायरस म्यूटेशन के कारण बाल वर्ग में संक्रमित होने का खतरा अधिक है।
उनका कहना है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 23 करोड़ (2020) है। राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार 11 मई 2021, तक 1503490 (0.6%) जनसंख्या COVID से पीड़ित थी। इसलिए तीसरी लहर में यह अनुमान लगाया है कि कुल जनसंख्या का 1% COVID से संक्रमित हो सकता है। यह देखा गया कि जनवरी 2020 से मई तक कुल COVID मामलों का 42% सिर्फ 2 महीने यानी मार्च से अप्रैल के बीच हुआ है। इसलिए तीसरे लहर में यदि फिर से दो महीने की अवधि में अधिक मामले घटित हों तो यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तब बेड्स की कमी ना होने पाए। उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ आबादी में लगभग 42% की उम्र 18 वर्ष या उससे कम है। इसमें से 95% COVID के संपर्क में अभी तक नहीं आये हैं और सभी टीकाकरण से वंचित भी हैं।
उन्होंने कहा कि इन सब तथ्यों का संज्ञान लेकर प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 50 बाल चिकित्सा आईसीयू/एचडीयू और 50 आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ संचालित किए जाएंगे। केजीएमयू में विशेषज्ञ डाक्टरों का समूह है जो आपस में वर्चुअली लिंक रहता हैं। जहां तक दूसरे मेडिकल कॉलेजों की बात है तो वहां भी एक महीने के लिए आईसीयू के 10 बेड्स के लिए आवश्यक उपकरणों और आपूर्ति की संख्या सुनिश्चित कर ली गयी है।
डॉ शैली अवस्थी ने बताया कि संक्रमित बाल चिकित्सा सुविधाओं के प्रबंधन एवं कुशलता से देखभाल/निगरानी के लिए के लिए दूसरे और तीसरे लेवल की सुविधाओं से डॉक्टरों,नर्सों ,पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य सम्बंधित कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण के लिए एक ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया गया है। प्रत्येक दिन प्री और पोस्ट टेस्ट लिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भागीदारी का एक कंप्यूटर जनित प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए नामांकन भेजेगी, नामांकित व्यक्तियों का प्रशिक्षण किया जाएगा। प्रशिक्षण केजीएमयू के सहयोग से किया जायेगा साथ ही इस कार्यक्रम में एसजीपीजीआईएमएस, आईएमएस-बीएचयू, आरएमएल पीएमएस और एम्स, रायबरेली भी सहयोग करेंगे।
डॉ शैली ने कहा कि व्याख्यान का वीडियो के साथ या बिना वीडियो के साथ रिसोर्स फैकल्टी द्वारा एक सेट तैयार किया जाएगा। ऐसी स्थितियां जहां व्यावहारिक रूप से एक से एक प्रशिक्षण देना संभव नहीं है वहां वीडियो को शामिल करने से स्किल डेवलपमेंट में मदद मिलेगी। अनुमान है कि मॉड्यूल जून 2021 तक डिलीवरी के लिए तैयार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रस्तावित है कि पीआईसीयू वाले जिला अस्पतालों को सहायक पर्यवेक्षण और वर्चुअल हैंड होल्डिंग के लिए निकटतम मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जाए। मेडिकल कॉलेजों को जिला अस्पतालों के आवंटन की विस्तृत सूची राज्य सरकार द्वारा तैयार की गयी है। साथ ही यह भी प्रस्तावित है हुआ है कि 2-4 जिला अस्पताल एक मेडिकल कॉलेज से जुडे होंगे, जो कि 25 बेड्स वाला पीआईसीयू चलाएंगे। बाल चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा, ईएनटी, सर्जरी और अन्य संबद्ध संकाय जो COVID देखभाल के लिए आवश्यक हैं, इनको भी प्रशिक्षित किया जायेगा।

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