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यूके में तो स्थिति काफी बिगड़ चुकी है, भारत में तो सम्भाल लें

लखनऊ। फास्ट फूड खा-खाकर हमारे देश ब्रिटेन में तो लोगों के दांतों की तकलीफें  इतनी ज्यादा हैं कि उन्हें सम्भालना तो बहुत मुश्किल है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है यहां अभी भी समय है कि लोगों को जागरूक किया जाये और उन्हें बताया जाये कि किस प्रकार से अपनी आदतों में बदलाव लाकर वे अपने दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं।

चन्द्रा डेंटल कॉलेज में यूके से आये दंत चिकित्सक ने दी शिक्षा

यह महत्वपूर्ण विचार इम्प्लांटोलॉजी क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय शिक्षक यूके से आये अतिथि वक्ता डॉ स्टुअर्ट ऑर्टन जोन्स ने सफेदाबाद, बाराबंकी के  चन्द्रा डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 27 मार्च को आयोजित सतत दंत शिक्षा कार्यक्रम (सीडीई) में व्यक्त किये। सीडीई के बारे में जानकारी देते हुए ऑर्थोडॉन्टिस्ट डॉ सुलभ ग्रोवर ने बताया कि खचाखच भरे हॉल में डॉ जोन्स ने दांतों-मसूढ़ों में होने वाले घाव को भरने में इस्तेमाल होने वाले मैटीरियल के बारे में आये हुए दंत चिकित्सकों को जानकारी दी।

टूथ पिक का इस्तेमाल न करें, नमक के पानी से कुल्ला करें

डॉ ग्रोवर ने बताया कि डॉ जोन्स का कहना था कि लोग फास्ट फूड से दूर रहते हुए अपनी रोज की आदतों में उन बातों को ध्यान रखना चाहिये जिससे उनके दांत हमेशा स्वस्थ बने रहें। इस बारे में उन्होंने बताया कि मीठे का प्रयोग कम करें, रात को सोने से पहले ब्रश करें इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रश हल्के हाथों से करें। उन्होंने बताया कि खाने के बाद कुल्ला जरूर करें और दांतों में फंसे तिनकों को निकालने के लिए टूथ पिक का प्रयोग न करें क्योंकि ऐसा करने से दांतों के बीच की दरारें और बढ़ जाती हैं जिससे खाना और ज्यादा फंसता है। यह पूछने पर कि फिर किस तरह से दांतों में फंसा खाना निकाला जाये तो उनका कहना था कि अच्छी तरह नमक के पानी से कुल्ला किया जाये और उंगली से मसूढ़ों की मालिश करें, तो फंसा हुआ तिनका निकल जाता है।

इस अवसर पर चन्द्रा डेंटल कॉलेज के चेयरमैन डॉक्टर सीपी चौधरी, सचिव वीके शर्मा, प्रिंसिपल डॉ मुनीश कोहली, प्रो कपिल लूम्बा, विशिष्ट अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ शिव दयाल ग्रोवर, डॉ विक्रम आहूजा, डॉ चेतन शर्मा, डॉ श्रुति शर्मा ग्रोवर, डॉ सुलभ ग्रोवर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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