-गलत तरीके से किये गये तबादलों के जिम्मेदारों पर गिर सकती है गाज
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में नियमों को ताक पर रख कर हुए तबादलों के मामले में बड़ी खबर है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट तलब की है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी से दो दिनों में रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी दी है।
ज्ञात हो स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों के बीती 30 जून को किये गये तबादले में बड़े पैमाने पर नियमों की अनदेखी कर तबादला करने की शिकायतें सामने आयी थीं। विभागीय कैबिनेट मंत्री व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। अमित मोहन प्रसाद की ओर कहा गया कि सभी तबादले नियमानुसार हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री द्वारा मांगी गयी जानकारी के लिए अपर मुख्य सचिव द्वारा इस सम्बन्ध में महानिदेशक को पत्र लिखकर प्रकरण की जांच करते हुए एक रिपोर्ट मांगी गयी। इसके पश्चात निदेशक प्रशासन ने 21 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को नोटिस जारी कर उनसे डॉक्टरों के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर जवाब मांग गया। इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों का कहना है कि मानव सम्पदा पोर्टल पर जो जानकारी थी, उसके अनुसार सूचना दी गयी है। बताया जा रहा है कि दरअसल पोर्टल को अपडेट ही नहीं किया गया है, पोर्टल अपडेट करने की जिम्मेदारी टेक्निकल सपोर्ट यूनिट की होती है, इस यूनिट से कार्य लेने की जिम्मेदारी निदेशक प्रशासन की होती है।
ऐसी स्थिति में प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संघ मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों के बचाव में सामने आया और उसने गत दिवस 11 जुलाई को महानिदेशक को एक पत्र सौंप कर अपना विरोध जताया कि इसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को नोटिस देने का क्या औचित्य है, जबकि मानव सम्पदा पोर्टल अपडेट करवाने का जिम्मा निदेशक प्रशासन का है, निदेशक प्रशासन टेक्निकल सपोर्ट यूनिट से स्पष्टीकरण मांगते, इसके उलट मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को नोटिस दे दी है जो कि गलत है। पीएमएस संघ ने इस प्रकरण को सीएम के संज्ञान में लाने की मांग भी अपने पत्र में की थी।
बहरहाल अब जब मामला मुख्यमंत्री के स्तर तक पहुंच चुका है, विभागीय मंत्री व उपमुख्यमंत्री पहले से ही स्पष्टीकरण मांग चुके हैं, ऐसे में अब अनियमितता की इबारत लिखने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर गाज गिरने के कयास लगाये जा रहे हैं। फिलहाल इस पर क्या कार्रवाई होती है, यह देखने वाली बात है।