-तबादला नीति में संशोधन की मांग न माने जाने को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने लिया फैसला
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण नीति में संशोधन की मांग को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश ने कहा है कि कोरोना काल में पूरी निष्ठा से कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के इस वर्ष होने वाले स्थानांतरण को नीतिगत तरीके से न करके स्वयं के अनुरोध पर किये जाने का आग्रह अब तक नहीं माना गया है, ऐसी स्थिति में अब महासंघ में शामिल सभी संवर्गों की सहमति है कि अब आंदोलन करना मजबूरी हो रहा है। इस आंदोलन की शुरुआत दो दिन बाद यानी 9 जुलाई से दो घंटे के कार्य बहिष्कार से की जायेगी। महासंघ ने यह भी कहा है कि अगर फिर भी तबादला की कोई लिस्ट जारी की गयी तो उसका अनुपालन नहीं करते हुए तत्काल कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जायेगा।
इस आशय का पत्र महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार की ओर से चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को सौंपा गया है। महासंघ ने कहा है कि पूर्व में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पीएमएस संवर्ग, नर्सिंग संवर्ग, पैरामेडिकल संवर्ग व अन्य समस्त संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के नीतिगत स्थानांतरण न किए जाने का विरोध, अनुरोध अनेकों पत्रों/ बैठकों के माध्यम से चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ द्वारा किया गया था एवं महासंघ द्वारा महानिदेशक के आश्वासन पर बीती 2 जुलाई को स्वास्थ्य भवन घेराव का निर्णय भी स्थगित किया था। पत्र में कहा गया है कि महासंघ के संज्ञान में आया है कि महानिदेशालय द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के व्यापक स्तर पर स्थानांतरण करने की तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सरकार के निर्देशों पर प्रदेश की जनता को कोविड-19 संक्रमण से मुक्त कराने के लिए रात-दिन कार्य किया विभाग के लगभग 90% अधिकारी एवं कर्मचारी ड्यूटी करते हुए कोविड से संक्रमित हुए साथ ही उनके परिवार के सदस्य भी संक्रमित हुए।
पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में सैकड़ों अधिकारी-कर्मचारी संक्रमित होने के पश्चात दिवंगत हुए उनके परिजन दिवंगत हुए एवं वर्तमान में प्रदेश भर में सैकड़ों अधिकारी एवं कर्मचारी पोस्ट कोविड लक्षणों से जूझ रहे हैं ऐसे में विभाग में व्यापक स्तर पर स्थानांतरण किया जाना उचित नहीं है यह कर्मचारियों को उत्साहित न करके दंडित किए जाने का निर्णय है, अशोक कुमार ने पत्र में पुन: अनुरोध करते हुए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पीएमएस संवर्ग, नर्सिंग संवर्ग, पैरामेडिकल संवर्ग, एवं अन्य समस्त संवर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों के प्रदेश में कोविड 19 महामारी की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए वर्तमान स्थानांतरण सत्र में स्वयं के अनुरोध पर ही स्थानांतरण किए जाएं एवं नीतिगत स्थानांतरण न किए जाएं।
पत्र में कहा गया है कि आज 7 जुलाई को चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश से संम्बद्ध पीएमएस संवर्ग, नर्सिंग संवर्ग, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश प्रयोगशाला प्राविधिक संघ, एक्सरे टेक्निशियन संघ, ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन, डेंटल हाइजीनिस्ट एसोसिएशन, डार्करूम सहायक संघ, ईसीजी टेक्निशियन संघ, इलेक्ट्रीशियन संघ, टीबी मेल हेल्थ विजिटर संघ, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, यूपी प्रयोगशाला सहायक संघ, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ, प्रोविंशियल फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन, टीबी कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन सहित समस्त उत्तर प्रदेश के संगठन पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विभाग की वर्तमान स्थानांतरण नीति के नाम पर विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर किए जा रहे सामान्य स्थानांतरण के विरोध में चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध समस्त संगठन प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे।
आंदोलन की रूपरेखा बताते हुए कहा गया है कि 9 जुलाई से अनवरत प्रातः 8:00 बजे से 10:00 बजे तक 2 घंटे कार्य का बहिष्कार करेंगे, 12 जुलाई को प्रदेश भर के चिकित्सक व कर्मचारी प्रातः 10:00 बजे से महानिदेशालय का घेराव करेंगे। पत्र में कहा गया है कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि इस दौरान किसी भी अधिकारी/ कर्मचारियों की कोई भी स्थानांतरण सूची जारी की जाती है तो तत्काल पूरे प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी प्रदेश में पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार प्रारंभ कर देंगे एवं स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर देंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी महानिदेशालय के उच्च अधिकारियों एवं शासन की होगी। पत्र की प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, कार्मिक, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को भी भेजी गयी है।