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अस्पताल का संचालन चिकित्सकों के हाथ में होने पर बढ़ जाता है मरीजों को सुविधा का स्तर

-उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया हेल्थसिटी विस्तार हॉस्पिटल में ज्वाइंट रोबोटिक सर्जरी यूनिट का उद्घाटन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि यह बात सही है कि जब अस्पताल का संचालन चिकित्सकों द्वारा किया जाता है तो मरीजों को सुविधा अच्छी और समय से मिल पाती हैं, साथ ही अस्पताल में बेहतर सुविधाओं की प्रगति भी होती रहती है।

उपमुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार 6 सितम्बर को गोमतीनगर विस्तार स्थित हेल्थसिटी विस्तार सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ज्वॉइंट रीप्लेसमेंट रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होने के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में कही। इस यूनिट का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया। इससे पूर्व ब्रजेश पाठक व गेस्ट फैकल्टी कोलकाता से आये डॉ विकाश कपूर तथा दिल्ली से आये डॉ साइमन थॉमस, हेल्थसिटी विस्तार हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीनियर कन्सल्टेंट ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ संदीप कपूर व डायरेक्टर व सीनियर कन्सल्टेंट ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ संदीप गर्ग ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हेल्थसिटी विस्तार हॉस्पिटल के एक वर्ष पूरे होने की और अस्पताल में शुरू हो रही रोबोटिक सर्जरी यूनिट के लिए मैं सभी को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि लखनऊ सहित प्रदेश के 60 प्रतिशत मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। उन्होंने विनोदपूर्ण लहजे में कहा कि अब आपका अस्पताल 300 बेड का हो गया है, मुझे लगता है कि अब आगे आप मेडिकल कॉलेज खोल देंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो जनता का सेवक हूं, मेरी जहां जरूरत पड़े, मैं हाजिर हूं।

जिसकी जेब में चवन्नी, तन पर कपड़ा, पैरों में चप्पल न हो, उसका इलाज फ्री में कर दीजियेगा

उन्होंने कहा​ कि डॉ कपूर आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हो, रविवार को जनता क्लीनिक चलाने की बात कर रहे हो, अच्छी बात है, मैं आपसे केवल एक बात कहना चाहता हूं कि ऐसा कोई मरीज जिसकी जेब में चवन्नी न हो, पैरों में चप्पल न हो, तन पर कपड़ा न हो, ऐसे मरीज को निराश मत कीजियेगा, फ्री में इलाज कर दीजियेगा, दवा भी अपने पास से दे दीजियेगा, यह मान लीजियेगा कि भगवान नारायण खुद आपके अस्पताल में आये हैं, उस मरीज की सहायता करके छोड़ देना, आपका यह कार्य खाली नहीं जायेगा। पैसे से आदमी की ताकत को नहीं आंकना है, मानव-मानव को एक समझना है, जिस दिन हमने ऐसा कर लिया यह मानकर चलिये अपना प्रदेश नम्बर एक पर हो जायेगा।

चिकित्सक ही हैं इन्वेस्टर, परफॉर्मर और मैनेजर

डॉ संदीप कपूर ने कहा कि हेल्थ सिटी डॉक्टरों का समूह है, इसमें डॉक्टर इन्वेस्टर है, डॉक्टर ही परफॉर्मर है और डॉक्टर ही अस्पताल का संचालन कर रहा है। हमने इस अस्पताल की कल्पना आज से 10 वर्ष पूर्व की थी, जिस समय हम लोग चेरीटेबल हॉस्पिटल में काम कर रहे थे, जिस सेवा भाव से हम वहां काम कर रहे थे, उसी सेवा भाव के साथ दस वर्ष पूर्व हेल्थसिटी हॉस्पिटल शुरू किया था, उस यात्रा को पूरा करने के बाद पिछले वर्ष हेल्थसिटी विस्तार अस्पताल प्रारम्भ किया जो अब 300 बेड का हो चुका है। उन्होंने एक साल की प्रगति का वर्णन करते हुए बताया अब अस्पताल तीन फ्लोर तक खोल चुके हैं, तथा चौथे फ्लोर पर भी बेड लगाये जा रहे हैं। पहले चार ओटी थे अब आठ ओटी हैं, क्रिटिकल केयर के बेड, एम्बुलेंस की सुविधाएं बढ़ायी हैं, आसपास की सोसाइटी के मरीजों को नि:शुल्क एम्बुलेंस उपलब्ध करायी, जीवन विस्तार योजना के तहत सीनियर सिटीजंस को 25 प्रतिशत की छूट देते हैं, उनके लिए हेल्पलाइन नम्बर भी एलॉट कर रखा है, हमारे यहां के स्टाफ को हमने विस्तार मित्र बना रखा है, जो एक-एक सोसाइटी से जुड़े हुए हैं, ये विस्तार मित्र फोन पहुंचने पर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में मदद करते हैं।

उन्होंने उपमुख्यमंत्री से कहा कि हमें आपसे भी बहुत प्रेरणा मिली है, जिस तरह से आपने दूर-दराज के इलाकों में मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ायी हैं, उसी प्रकार से हम लोगों ने भी मरीजों की सुविधाओं के लिए अनेक प्रकार के कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने प्रत्येक रविवार को जनता क्लीनिक चलाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें घरों में काम करने वाले लोगों को देखने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि हम लोग आपसे प्रेरणा लेकर जमीन से जुड़े रहेंगे और जनसेवा की तरफ चलेंगे, उन्होंने कहा कि हम अस्पताल को पूरी तरह धर्मार्थ तो नहीं बनायेंगे लेकिन आगे चलकर बहुत सी सेवायें जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध हो सकें।

सर्जन का अनुभव+रोबोट की मदद = परिणाम 10/10

डॉ संदीप गर्ग ने इस मौके पर चुटीले अंदाज में बात को रोचक बनाते हुए बताया कि रोबोटिक सर्जरी का मतलब यह नहीं है कि सर्जरी अब डॉक्टर की जगह रोबोट करेगा, उन्होंंने कहा कि दरअसर यह रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी है, यानी कि इसमें रोबोट सर्जरी की प्लानिंग करने, घुटने की सटीक नाप, प्रक्रिया का निर्धारण जैसी सूचनाओं को ऑपरेशन के समय ही सर्जन को दे देता है, जिससे सर्जन को मदद मिलती है साथ ही सर्जरी का परिणाम ज्यादा सटीक होता है। यह कहा जा सकता है कि जो काम हम लोग अभी तक करते आये हैं, रोबोट उसे और अच्छी तरीके से कराता है। इसका नतीजा यह होता है कि प्रत्यारोपित किया गया जो घुटना पहले 20 साल चलता था अब 30 साल चलेगा, क्योंकि यह घुटना उसी प्रकार से लगाया जायेगा जैसा कि कुदरती रूप से लगा था। उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि कोई भी अनाड़ी सर्जन आ जाये और रोबोट से काम कर ले, पारम्परिक ऑपरेशनों का अनुभव रखने वाले सर्जन ही सफलता पायेंगे। सर्जन का अनुभव और रोबो​ट की मदद मिलाकर जो सर्जरी होगी उसका परिणाम जो अभी तक 10/8 रहता था वह 10/10 हो जायेगा।

इस मौके पर सीएमई के दौरान घुटना प्रत्यारोपण की रोबोटिक सर्जरी का लाइव प्रसारण  किया गया। यह सर्जरी 63 वर्षीय महिला के दाहिने घुटने की हुई है।

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