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समय से पहले बूढ़़ा बना रहा है वायु प्रदूषण : डॉ सूर्य कान्त

-केजीएमयू में “स्वच्छ वायु और स्वस्थ आयु” के लिए वॉकाथॉन का आयोजन


सेहत टाइम्स

लखनऊ। “इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज” के अवसर पर, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने लंग केयर फाउंडेशन तथा डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन (DFCA) के सहयोग से “स्वस्थ आयुर्वृद्धि के लिए स्वच्छ वायु” वॉकाथॉन का आयोजन 7 सितम्बर को प्रातः 12:00 बजे विश्वविद्यालय परिसर में किया। इस कार्यक्रम में चिकित्सकों, मेडिकल विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और वायु प्रदूषण के विरुद्ध एकजुट होकर स्वस्थ जीवन का संदेश दिया।

वॉकाथॉन का आयोजन डॉ. सूर्य कान्त, विभागाध्यक्ष, श्वसन रोग विभाग, केजीएमयू तथा नेशनल कोर कमेटी सदस्य, डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन ने किया। इस अवसर पर डॉ. अंकित कुमार, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. शिवम श्रीवास्तव, डॉ. प्रकृति मिश्रा, देवयानी गुप्ता, नवीन पांडेय (स्टेट कोऑर्डिनेटर, उत्तर प्रदेश – लंग केयर फाउंडेशन), प्रीति कान्त, सुर्याति एवं रेपांशी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लगभग 50 स्वास्थ्यकर्मियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिनमें चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल विद्यार्थी शामिल थे।

डॉ. सूर्य कान्त ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण न केवल फेफड़ों को प्रभावित करता है, बल्कि यह असमय बुढ़ापे (प्रिमेच्योर एजिंग) और गंभीर बीमारियों जैसे कि सीओपीडी, फेफड़ों का कैंसर, निमोनिया, टीबी, हृदय रोग एवं मस्तिष्क संबंधी विकारों को भी बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा​ कि प्रदूषित वायु का हर श्वास हमारे फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि हमारी कोशिकाओं को भी तेजी से बूढ़ा कर रहा है। स्वच्छ वायु विलासिता नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है।

वॉकाथॉन का उद्देश्य जनता को यह समझाना था कि प्रदूषक तत्व जैसे पीएम 2.5, पीएम 10, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन श्वसन रोगों के साथ-साथ त्वचा की समय से पहले झुर्रियां, स्मरण शक्ति में कमी, और जीवन प्रत्याशा को घटाने जैसे प्रभाव भी डालते हैं। प्रतिभागियों ने “साफ हवा, स्वस्थ जीवन” और “स्वच्छ वायु हर नागरिक का अधिकार” जैसे नारों से युक्त तख्तियां और बैनर लेकर जनजागरूकता फैलायी।

लंग केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने अपने संदेश में कहा कि भारत में वायु प्रदूषण जनित बीमारियों का बढ़ता बोझ हम सबके लिए चेतावनी है और इसके लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। डॉ. सूर्य कान्त ने बताया कि चिकित्सा समुदाय की यह ज़िम्मेदारी है कि वे स्वच्छ वायु के लिए जनजागरूकता पैदा करें।

कार्यक्रम का समापन वायु मित्र बनने के शपथ ग्रहण समारोह से हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने प्रदूषण कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली अपनाने, कार्बन फुटप्रिंट घटाने और समाज में स्वच्छ वायु के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए संकल्प लिया।

इस वॉकाथॉन के माध्यम से केजीएमयू, लंग केयर फाउंडेशन और DFCA ने मिलकर यह दृढ़ निश्चय किया कि स्वच्छ वायु और स्वस्थ आयु को सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर, नीति निर्माता और आम नागरिक मिलकर कार्य करेंगे और आने वाली पीढ़ियों को एक प्रदूषणमुक्त भविष्य देंगे।

इस वॉकाथॉन में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, रोगियों के परिजन तथा कई स्वयंसेवी संस्थाओं जैसे धन्वंतरि सेवा न्यास, जे बी एस फाउंडेशन, हरि ओम सेवा केन्द्र, रोटरी क्लब आदि के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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