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जब मुख्‍य सचिव ने सोचा यह कैसी गणित है ?

एसजीपीजीआई की स्‍थापना हुई 1980 में तो 2018 में 35वां स्‍थापना दिवस कैसे

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के स्‍थापना दिवस समारोह के मौके पर आज प्रदेश के मुख्‍य सचिव अनूप चंद्र पाण्‍डेय उस समय सोचने पर मजबूर हो गये जब उन्‍होंने देखा कि संस्‍थान का 35वां स्‍थापना दिवस मनाया जा रहा है, जबकि इसकी स्‍थापना 1980 में हुई थी। इस लिहाज से यह संख्‍या गलत साबित हो रही थी, फि‍र से जोड़-घटाना किया और जब समझ लिया कि कुछ तो गड़बड़ है तो पास बैठे संस्‍थान के निदेशक प्रो राकेश कपूर से पूछ ही लिया कि यह माजरा क्‍या है। निदेशक प्रो कपूर ने मुख्‍य सचिव को जो उत्‍तर दिया उसके बारे में बाद में अपने-अपने सम्‍बोधन में अनूप चंद्र पाण्‍डेय और राकेश कपूर ने भी समारोह में उपस्थित सभी लोगों के साथ शेयर किया।

 

प्रो कपूर ने बताया कि दरअसल संजय गांधी पीजीआई की स्‍थापना 1980 में ही हुई थी, लेकिन उस समय इसका शिलान्‍यास का पत्‍थर किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय यानी केजीएमयू (उस समय केजीएमसी) में लगाया गया था, बाद में सरकार से तय किया कि इस सुपर स्‍पेशियलिटी संस्‍थान को केजीएमयू से अलग ही बनाना होगा इसलिए इसे यहां रायबरेली रोड पर शिफ्ट किया गया। उसके बाद से इसका स्‍थापना दिवस मनाया जाना शुरू हुआ तब से स्‍थापना दिवस की गिनती की जाने लगी उस हिसाब से शुक्रवार को पीजीआई का 35वां स्‍थापना दिवस मनाया गया।