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हम अपने साथ परिवार को भी मुश्किल में डालते हैं तम्‍बाकू के सेवन से : ले.ज.डॉ बिपिन पुरी

-विश्‍व तम्‍बाकू निषेध दिवस पर केजीएमयू में कार्यक्रम का आयोजन

-तम्‍बाकू छोड़ने की कोशिशें करने पर जोर दिया डॉ विनोद जैन ने

-डॉ रमाकांत ने कहा, विश्‍व में हर 7वीं मौत तम्‍बाकू से

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने कहा है कि तम्बाकू के सेवन से न केवल हम अपने आप को कठिनाई में डालते है बल्कि अपने परिवार को भी कठिनाई में डालते हैं। उन्होंने कहा यदि हम इसका उपभोग करते भी हैं तो अब इसे कम नहीं बल्कि पूर्ण रूप से समाप्त करना होगा।

कुलपति ने यह विचार आज 31 मई को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल संकाय द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में अपने सम्‍बोधन में कही। प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। कोविड महामारी के चलते कार्यक्रम का आयोजन ऑन लाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया। इस वर्ष इसकी थीम ‘’Commit To Quit’’ रही।

कुलपति ने कहा कि तम्‍बाकू का सेवन छोड़ने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति की आवश्यकता रखनी होगी। उन्‍होंने कहा कि तम्बाकू से 20 से अधिक प्रकार का कैंसर होता है एवं इसके सेवन से कोरोना का भी खतरा बढ़ता है। समाज को इससे बचाने के लिए हम सब को एक होकर समाज में इसके दुषपरिणामों की जानकारी फैलानी होगी, लोगों को जागरूक करना होगा। तभी हमारा भारत स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत एवं सुनहरा भारत बन सकेगा।

इस अवसर पर डीन, पैरामेडिकल साइंसेस डॉ विनोद जैन ने बताया तम्बाकू के सेवन से प्रति वर्ष 80 लाख मौतें होती हैं, कम आय वाले 80% देश इससे ज्यादा प्रभावित हैं, इसके कारण प्रति 4 सेकेंड में 1 व्यक्ति की मौत होती है। इसके सेवन से विभिन्न प्रकार के कैंसर होते हैं, जिसमे मुंह, हृदय, फेफड़े के कैंसर के साथ ही गैंगरीन की समस्‍या भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि युवाओं को इसके चंगुल से बचाया जाना अति आवश्यक है, जिसे तम्बाकू से होने वाली बीमारियों की जानकारी फैलाकर ही पूर्ण किया जा सकता है। डॉ जैन ने बताया कि तम्बाकू छोड़ते ही जो फायदे होते हैं उनमें धूम्रपान छोड़ते ही 20 मिनट में ही हृदय गति सामान्य हो जाती है, 12 घंटे के भीतर रक्त में कार्बन का स्तर कम हो जाता है। 2-12 सप्ताह के बीच परिसंचरण में सुधार होता है एवं फेफड़ों की कार्य शक्ति बढ़ जाती है। 1-9 महीने के भीतर खांसी व सांस लेने की तकलीफ कम हो जाती है। 5-15 वर्षों के भीतर स्ट्रोक का जोखिम घट जाता है व हृदय रोग का जोखिम भी आधा रह जाता है।

कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रूप में डॉ रमाकांत ने भी तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि विश्व में हर 7वीं मौत तंबाकू के सेवन से हो रही है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तम्बाकू शरीर के सभी मुख्य तंत्रों को प्रभावित करती है। उन्होंने इसके त्यागने के तरीके भी बतलाये, साथ ही यह भी कहा कि‍ यह अकेले सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, तम्बाकू मुक्त देश बनाने के लिए हम सबको इसमें रुचि लेनी होगी।

इस अवसर पर अतिथि सरकार डायग्‍नोस्टिक के एमडी पदमश्री डॉ एस एस सरकार ने भी तम्बाकू के दुष्प्रभावों से अवगत कराया एवं कहा कि‍ युवा पीढ़ी बहुत तेजी से तम्बाकू निर्मित पदार्थों का सेवन कर रही है। स्मोकिंग, हुक्का, पान मसाला आदि पदार्थों का सेवन उनके स्टेटस में शामिल हो रहा है, जो कि‍ उनके एवं देश के लिए गंभीर खतरा है।

कार्यक्रम में डॉ विनोद जैन द्वारा सम्मिलित सभी लोगों को तम्‍बाकू सेवन न करने की शपथ दिलाई गयी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो0 अनित परिहार एवं प्रो0 अतिन सिंघई भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सोनिया शुक्ला द्वारा किया गया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में 300 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में राघवेन्द्र शर्मा, बीनू दुबे एवं शालिनी गुप्ता का विशेष योगदान रहा।