-नीट सॉल्वर गैंग के दो और सदस्य गिरफ्तार, सरगना पीके का भी मिला सुराग
-शनिवार को वाराणसी से दोनों की गिरफ्तारी, पूछताछ में मिली अहम जानकारियां
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पिछले सप्ताह पकड़ी गयी सॉल्वर के बाद हुए सॉल्वर गैंग के मामले में आज पुलिस को एक और सफलता प्राप्त हुई है, गिरोह के दो और सदस्यों को बनारस से गिरफ्तार किया गया है, आज गिरफ्तार लोगों में सॉल्वर गैंग का नम्बर दो सदस्य व दूसरा फोटो शॉपर है जो फोटो की मिक्सिंग करता था। अब तक कुल 6 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके साथ ही गैंग के सरगना पीके के खिलाफ अहम जानकारी जुटाई जा चुकी है। इसके अलावा त्रिपुरा पुलिस से भी समन्वय स्थापित हो चुका है, साथ ही हीना बिस्वास के पिता के बारे में अहम जानकारियां मिली हैं। गोपाल बिस्वास दवा की दुकान का मालिक है।
मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गये दोनों वांछित अभियुक्तों को वाराणसी क्राइम ब्रांच और थाना सारनाथ की पुलिस ने आज 18 सितंबर को डूडा ऑफिस के पास से गिरफ्तार किया। दोनों अभियुक्तों के कब्जे से नीट परीक्षा से संबंधित अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेज, फोटोग्राफ, आधार कार्ड एवं एडमिट कार्ड के अलावा दो अदद मोबाइल फोन व एक लैपटॉप बरामद हुआ है।
पाटलिपुत्र में परिवार के साथ रहता है पीके
बताया जाता है कि इन दोनों अभियुक्तों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई हैं। जिन अभियुक्तों को आज गिरफ्तार किया गया है उनमें खगड़िया बिहार निवासी विकास कुमार महतो 32 वर्ष और बिहार के जहानाबाद देव निवासी राजू कुमार 30 वर्ष शामिल हैं, ये दोनों ही अभियुक्त बीएससी पास है। पूछताछ के दौरान विकास कुमार महतो ने बताया कि करीब 3 वर्ष पहले वह खगड़िया से पटना आया था परीक्षा की तैयारी के दौरान उसका परिचय पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश से हुआ जिसने मुझे परीक्षाओं में सॉल्वर बिठाकर परीक्षा पास कराने की तरकीब बता कर रुपए कमाने की बातें बतायीं और यह भी कहा कि मौका मिलने पर तुम्हारी भी किसी परीक्षा में सॉल्वर बिठाकर नौकरी लगवा दूंगा। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि तब से वह पीके उर्फ नीलेश के लिए काम करने लगा। उसने बताया कि पीके का असली नाम नीलेश कुमार पुत्र कमल वंश नारायण सिंह है जो छपरा, बिहार का मूल निवासी है और वर्तमान में बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज के सामने पाटलिपुत्र जिला पटना में अपने परिवार के साथ रहता है।
त्रिपुरा तक फैले हैं गैंग के तार
विकास ने पुलिस को बताया कि उसके साथ कई और लोग भी शामिल है। सॉल्वर बिठाकर नीट में एडमिशन के लिए कई लोग केस भेजते हैं जिनमें से चार लोगों को वह जानता है इनमें लखनऊ के ओसामा शाहिद, बेंगलुरु में रहने वाले बिहार के मूल निवासी अंशु सिंह और बबलू तथा त्रिपुरा में रहने वाले देबू शामिल हैं। उसने पुलिस को बताया कि ये लोग नीट परीक्षा में बैठने वाले लड़के-लड़कियों की तलाश करते थे जो कि फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने के लिए इनसे संपर्क करते थे।
सरगना पीके पिता और दोस्तों के एकाउंट में मंगवाता था रुपये
विकास ने बताया कि उनके डॉक्यूमेंट व फोटो आदि तथा रुपए लेकर पीके उर्फ प्रेम कुमार और उर्फ नीलेश को भेज देते थे उसने बताया कि नीलेश मेरे तथा अपने साथियों पुष्कर कुमार, प्रमोद, अनूप व प्रवीण के माध्यम से सॉल्वरों की व्यवस्था करते थे तथा उनके फोटो आदि लेकर असली अभ्यर्थी की फोटो से मिक्स करवा कर नीट परीक्षा का फॉर्म भरवाते थे, तथा सॉल्वर को परीक्षा में बैठने के लिए 5 लाख रुपये दिए जाते थे। असली अभ्यर्थियों के मां-बाप से 20 से 25 लाख रुपए लिए जाते थे। परीक्षा के पहले ही उनके सभी ओरिजिनल डॉक्यूमेंट पीके उर्फ नीलेश अपने पास मंगा कर गारंटी के लिए रख लेता था। इन डॉक्यूमेंट्स को पैसा मिलने के बाद एडमिशन के समय पर वापस किया जाता था। अभियुक्त विकास ने पुलिस को बताया कि पीके उर्फ नीलेश रुपयों को अपने पिता केबीएन सिंह के अकाउंट के अलावा अपने अन्य साथियों के अकाउंट नंबर में मंगाता था।
एक फोटो की मिक्सिंग के मिलते थे दो हजार रुपये
आज पकड़े गए दूसरे अभियुक्त राजू कुमार ने पुलिस को बताया कि मेरे छोटे भाई दीपक के नाम से दीपक स्टूडियो है उसका विकास कुमार महतो से 2019 में परिचय हुआ। उसने बताया कि वह परीक्षाओं में पासपोर्ट साइज फोटो सजाने-बनवाने आता था, बाद में उसने अन्य लड़के-लड़कियों की फोटो को मिक्स करके पासपोर्ट साइज फोटो बनाने को कहा। उसने बताया कि मैं प्रति फोटो मिक्सिंग के लिए 2000 रुपये लेता था। नीट परीक्षा के समय अन्य परीक्षाओं के दौरान विकास ने मुझे काफी लड़के-लड़कियों की फोटो व्हाट्सएप से भेजी थीं, जिसे मैंने मिक्सिंग कर उनको प्रिंट कर दिया था, कुछ फोटो मेरे फोन की गैलरी व लैपटॉप में पड़ी हैं। पकड़े गए दोनों अभियुक्तों से गहन पूछताछ की जा रही है तथा गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी कर गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं। पुलिस के अनुसार पकड़े गये इन अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में रिमांड के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।