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बेहतरीन चिकित्सक बनने के लिए जरूरत है कड़ी प्रैक्टिस की, अच्छे व्यवहार की

केजीएमयू के 14वां दीक्षांत समारोह में दीक्षा दी डॉ एमएस वालियाथन ने

लखनऊ 30 अक्‍टूबर। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) का 14वां दीक्षांत समारोह आज सम्‍पन्‍न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि मनीपाल यूनिवर्सिटी के नेशनल रिसर्च प्रोफेसर एवं प्रसिद्ध कॉर्डियक थौरेसिक वैसकुलर सर्जन डॉ एमएस वालियाथन ने अपने सम्‍बोधन में मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए अपने वर्षों के अनुभव को साझा करते हुए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि एक बेहतरीन चिकित्सक बनने के लिए कड़ी प्रैक्टिस की जरूरत होती है, साथ ही मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार करके ही आप बेहतर चिकित्सा सेवा कर सकेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित भव्य समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति व उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल राम नाइक किया गया एवं केजीएमयू  के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

126 मेडिकोज को दिए गए 306 मेडल व अवार्ड

कुलाधिपति द्वारा 126 मेडिकोज को मेडल प्रदान किए गए। मेडल पाने वालों में 66 प्रतिशत संख्या छात्राओं की एवं 33 प्रतिशत संख्या छात्रों की रही।

 

प्रो बलराम भार्गव और प्रो शिव कुमार सरीन को डीएससी की मानद उपाधि

13वें दीक्षांत समारोह के सुअवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्थ रिसर्च विभाग के सेक्रेटरी प्रो0 बलराम भार्गव और इंस्टीट्यूट ऑफ लि‍वर एंड बिलेयरी साइंसेस,  नई दिल्ली के निदेशक प्रो शिव कुमार सरीन को डीएससी की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर प्रो बलराम भार्गव एवं प्रो शिव कुमार सरीन ने अपने संबोधन में मेडल पाने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी।

इन स्टूडेंट्स को मिला हीवेट और चांसलर मेडल

 

इस वर्ष प्रतिष्ठित हीवेट मेडल वर्ष 2013 एमबीबीएस की छात्रा कृतिका गुप्ता को दिया गया, जबकि अरमीन अली को चांसलर मेडल दिया गया। कृतिका ने एमबीबीएस की फाइनल प्रोफेशनल की परीक्षा में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि एमबीबीएस के सभी प्रोफेशनल वर्ष में शानदार प्रदर्शन किए जाने पर अरमीन अली को चांसलर मेडल दिया गया। इसके साथ ही दीपशिखा त्रिपाठी सबसे ज्यादा मेडल पाने वाली स्टूडेंट बनी। उन्हें एचडी गुप्ता मेमोरियल गोल्ड मेडल समेत कुल 20 मेडल मिले,  इसमें से 19 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल शामिल है।

 

14वें दीक्षांत समारोह में दो नए मेडल डॉ रामबिहारी सिंह एवं पद्मश्री डॉ सव्यसांची सरकार गोल्ड मेडल अवार्ड की शुरुआत की गई। नर्सिंग में उत्कृष्टता के लिए पद्मश्री डॉ सव्यसांची सरकार गोल्ड मेडल अवार्ड एमएससी नर्सिंग की छात्रा पल्लवी राय को दिया गया। पल्लवी राय को दोनों सेमेस्टर में बेहतरीन परफॉरमेंस के लिए यह मेडल दिया गया और डॉ रामबिहारी सिंह मेडल सर्जरी में टॉप करने वाली छात्रा डॉ प्रियांशी दुदेजा को दिया गया।

 

इनको मिले गोल्ड मेडल

डॉ दीपशिखा त्रिपाठी को 19 गोल्ड एवं 01 सिल्वर मेडल, डॉ अंशिका मिश्रा को 09 गोल्ड मेडल, डॉ अरमीन अली को 03 गोल्ड मेडल, डॉ प्रियांशी दुदेजा, डॉ पल्लवी राय, डॉ गायत्री गर्ग, डॉ निशांत गौरव भारद्वाज,  डॉ अदिति मिश्रा, डॉ निदा खान, डॉ हिमांशी पाण्डेय, डॉ स्नेह किरन रघुवंशी, डॉ बृजेंद्र बहादुर सिंह, डॉ प्रणव कुमार यादव, डॉ दिशा तिवारी, डॉ अर्जुमान्द अहान, डॉ रोहित अग्रवाल, डॉ आतिया समरीन, डॉ अरोही गुप्ता, डॉ मेघनाथन, डॉ पुरषोतम कुमार बघेल, डॉ सुकीर्ति आहूजा, डॉ निधि भटनागर, डॉ तूलिका कुमारी, डॉ अर्पिता गुप्ता, डॉ अजय प्रताप सिंह, डॉ प्राची राय, डॉ शिखा वर्मा, डॉ सुगंधा जौहरी, डॉ सुजाता सिंह, डॉ मीतू गोयल, डॉ सुभी पाण्डेय, डॉ पदनाभन कंडास्वामी, डॉ वंकार समीर गनपत,  डॉ हरिकृष्णन वी, डॉ सनी गोयल, डॉ सुधाकर पाण्डेय, डॉ गुरूप्रसाद रेड्डी, डॉ मनन मयूर मेहता, डॉ एल मनीकंदनद्, प्रो0 सीजी अग्रवाल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला।दीक्षांत समारोह में मेडिसिन विभाग के प्रो सीजी अग्रवाल को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकीय सेवाओं के लिए डॉ केबी भाटिया गोल्ड मेडल एंड लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

 

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में केजीएमयू के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट  द्वारा स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर कुलपति द्वारा विगत एक वर्ष में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि 150 एकड़ क्षेत्र में विस्थापित यह विश्वविद्यालय जहां पर 3500 से अधिक चिकित्सा दंत, नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं तथा 500 से अधिक चिकित्सक, 750 रेजीडेंट तथा 5000 कर्मचारी कार्यरत हैं।

 

कुलपति ने बताया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय का गांधी मेमोरियल अस्पताल 4000 से अधिक बेड की क्षमता वाला है, जहां पर प्रतिदिन लगभग 10 हजार मरीजों को वाह्य रोग विभाग द्वारा चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस वर्ष चिकित्सा विश्वविद्यालय को बेस्ट टीचिंग लर्निंग रिर्सोसेस संस्थान घोषित किया गया है। इसके साथ ही चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रोस्थोडोंटिक विभाग को उत्कृष्ट लैब क्वालिटी प्रबन्धन के लिए आईएसओ का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केजीएमयू को नेशनल इंस्टीट्यूट डॉ रैंकिंग फ्रेमवर्क एनआईआरएफ द्वारा देश भर में पांचवा स्थान दिया गया है।

 

कुलपति ने चिकित्सा विश्वविद्यालय की अन्य उपलब्धियों का वर्णन करते हुए बताया कि संस्थान में इस वर्ष 3 नवीन विभागों स्पोटर्स मेडिसिन, पेडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक एवं गेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की स्थापना की गई है तथा वर्ष 2018-19 के लिए पीजी की 37 सीटों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय को पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन द्वारा रैन बसेरों के निर्माण हेतु साढ़े सात करोड़ रूपए तथा एनटीपीसी द्वारा बर्न यूनिट के लिए 11 दशमलव 2 करोड़ रूपए का अनुदान प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के अंर्तगत 11 अक्टूबर को एसटीवीएमस विभाग में मरीज के हद्य सर्जरी संपादित की गई।

 

कुलपति द्वारा चिकित्सा विश्वविद्यालय की वर्तमान उपलब्धियों का वर्णन करते हुए भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया, जिसके अंतर्गत बताया गया कि राज्य के बलरामपुर जिले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राप्त अनुदान से  अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में चिकित्सा विश्वविद्यालय का सैटेलाइट कैम्पस का निर्माण प्रस्तावित है। इस सैटेलाइट कैम्पस की चिकित्सा विश्वविद्यालय को अत्यंत आवश्यकता है, क्योंकि चिकित्सा विश्वविद्यालय मे निरंतर कार्यक्षेत्र का विस्तार होता जा रहा है।

 

कुलपति द्वारा अपने प्रबोधन के अन्त में चिकित्सा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को जॉर्जियंस की उपाधि की महत्ता के बारे में बताते हुए संस्थान के गौरव को बनाए रखने का संदेश दिया।

 

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाइक ने अपने प्रबोधन मे कहा कि केजीएमयू के लिए यह 14वां दीक्षांत समारोह है लेकिन आज यहां उपस्थित छात्र-छात्राओं के लिए यह पहला दीक्षांत समारोह है। इसके साथ ही उन्होंने केजीएमयू की प्रगति एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा हासिल की गई उपलिब्धयों का जिक्र करते हुए प्रशंसा की।

 

दीक्षांत समारोह में छात्राओं द्वारा ज्यादा संख्या में मेडल जीते जाने पर उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि बीते वर्ष राज्य के 26 विश्वविद्यालयों में 15 लाख 60 हजार छात्र-छात्राओं ने डिग्री हासिल की, जिसमें से 51 प्रतिशत डिग्रियां लड़कियों ने हासिल की। इसके साथ ही इस वर्ष 26 में से 22 विश्वविद्यालयों के आकड़े बताते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष 22 विश्वविद्यालयों से ही 15 लाख 97 हजार छात्र-छात्राएं डिग्री ले चुके हैं, जिसमे 52 प्रतिशत लड़कियां हैं। उनहोंने इसे महिला सशक्तिकरण एवं ’बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के सफल होने का बेहतरीन उदहारण बताया। इस अवसर पर उन्होंने मेडल पाने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी।

 

इस अवसर पर कुलपति द्वारा कुलाधिपति को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। जिसके बाद कुलसचिव डॉ राजेश कुमार राय ने धन्यवाद भाषण दिया, जिसके बाद कुलपति के निवेदन पर कुलाधिपति ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ ही समारोह का समापन हुआ।

 

दीक्षांत समारोह में डायस पर परीक्षा नियंत्रक प्रो0 एके सिंह, पैरामेडिकल साइंसेस के अधिष्ठाता डा विनोद जैन, नर्सिंग बीएससी की डीन डॉ मधुमती गोयल , डीन मेडिसिन प्रोफेसर विनीता दास, कुलसचिव डॉ आरके राय, हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश विष्णु सहाय मुख्य रूप से उपस्थित रहे।