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यह भी एक तरीका है थैलेसीमिया के प्रति जागरूक करने का

-पीके पैथोलॉजी में सीबीसी टेस्ट के साथ ही थैलेसीमिया ट्रेट की संभावना का पता लगाने के लिए किया जा रहा फ्री टेस्ट

-विश्व थैलेसीमिया दिवस (8 मई) पर विशेष

डॉ पी के गुप्ता

सेहत टाइम्स

लखनऊ। 8 मई वर्ल्ड थैलेसीमिया डे जिसे प्रति वर्ष उन थैलेसीमिया मरीजों के स्मृति मे मनाया जाता है, जो हमारे बीच नहीं रहे तथा उनकी समय से पहले मृत्यु हो गई। इस वर्ष की थीम है सभी समुदायों को एक जुट करना तथा थैलीसीमिया मरीजों को फोकस कर उन पर विश्व का ध्यान केंद्रित करना है।

इस अवसर पर पी जी आई स्थित पी के पैथोलॉजी लैब के वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट डॉ पी के गुप्ता ने समुदाय मे थैलेसीमिया की पहचान के लिए एक पहल शुरू किया है जिसमें वो व्यक्ति जो लैब मे रूटीन हेल्थ चेक अप के लिए आते हैं उसमें कराए जाने वाले कंप्लीट ब्लड काउंट के साथ अलग से मीन कार्पसकुलर वॉल्यूम, आर बी सी काउंट जनरल ब्लड पिक्चर तथा मेंटज़र index calculation द्वारा व्यक्ति में थैलेसीमिया ट्रेट होने की संभावना की जानकारी अलग से दी जाती है जो पूरी तरह से निःशुल्क सूचना है। साथ ही उस व्यक्ति की मेडिकल काउंसलिंग भी डॉक्टर द्वारा दी जाती है उस व्यक्ति को थैलेसीमिया की पुष्टि करने लिए एच पी एल सी मेथड से हीमोग्लोबिन electrophorasis की सलाह दी जाती है।

डॉ गुप्ता ने बताया कि यदि व्यक्ति मे थैलेसीमिया ट्रेट की पुष्टि हो जाती है तो व्यक्ति जागरूक हो कर अपने वैवाहिक जीवन को व्यवस्थित कर सकता है यदि पुरुष एवं स्त्री दोनों में थैलेसीमिया ट्रेट है तो उनसे जन्मे 25 परसेंट बच्चों में थैलीसीमिया मेजर होने की संभावना होती है ऐसे जोड़े यदि सही से एंटी नेटल चेक अप और संतानोत्पति की प्लानिंग कर लें तो बच्चों मे थैलीसीमिया होने के संभावना कम हो जाती है इसीलिए आज कल विवाह पूर्व दोनों को कंप्लीट ब्लड टेस्ट की सलाह दी जाती है जिसे कुछ डॉक्टर मेडिकल कुंडली का भी नाम देते हैं।

उन्होंने बताया कि जैसा कि बहुत से लोगों को पता है कि थैलेसीमिया एक जेनेटिक खून की बीमारी है जिसमें बनने वाले रेड ब्लड सेल्स जल्दी-जल्दी टूट जाते हैं जिसके कारण बच्चों में खून की कमी हो जाती है चेहरा पीला होता है एवं थकान होने लगती है उससे निजात पाने के लिए बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है और यह परिवार समाज तथा सरकार सबके ऊपर हेल्थ बर्डन के रूप में आता है।

सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत डॉ पी के गुप्ता ने सभी क्लिनिकल पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर से अनुरोध किया कि यदि रूटीन में कंप्लीट ब्लड काउंट की जांच के दौरान सामान्य हीमोग्लोबिन के साथ MCV कम होने RBC count अधिक होने तथा जनरल ब्लड पिक्चर में Microcytic hypochromia मिलने पर थैलेसीमिया ट्रेट पर जरूर कमेंट करें तथा उसे मरीज की काउंसलिंग कर थैलीसीमिया पुष्टि के लिए आगे की जांच की सलाह देना चाहिए जिससे बहुत से व्यक्तियों में छुपी हुई थैलीसीमिया ट्रेट की पहचान हो सकती है।

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