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कोरोना काल में मजदूरों से लेकर मरीज तक पहुंचकर मदद कर रहे ये नौ जवान दोस्‍त

-फल, भोजन, दवाएं पहुंचा रही वी होप वी केयर संस्‍था

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कोरोना महामारी के समय जहां बीमारी से लड़ने की भारी चुनौती लोगों के सामने होती है वहीं खाने-पीने से लेकर अन्य कार्यों की भी बहुत दिक्कत हो जाती है लोगों की ऐसी ही दिक्कतों को पिछले साल जब कोरोना महामारी में नौ दोस्‍तों के एक ग्रुप ने महसूस किया और संकट की इस घड़ी में प्रभावित लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया और ‘वी होप वी केयर’ संस्‍था बनाकर लोगों की मदद करना शुरू कर दी। 

ग्रुप के सदस्‍य अभिनीत श्रीवास्‍तव बताते हैं कि इस साल जब महामारी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया तो हमारी संस्‍था ‘वी होप वी केयर’ के अध्‍यक्ष ऋषभ श्रीवास्‍तव के नेतृत्‍व में आशीष रंजन, अमित चौरसिया, अखंड उपाध्याय, रक्षतेश श्रीवास्तव, ओम रस्तोगी, आभास पांडे, अभिनीत श्रीवास्तव आदि ने इस सेवा को फि‍र से तेजी से सक्रिय करने का फैसला लिया।

अभि‍नीत बताते हैं कि हमारी संस्‍था न सिर्फ मरीजों व उनके परिजनों की, बल्कि लॉकडाउन के चलते काम न मिलने के कारण खाली बैठे मजदूरों को भी भोजन उपलब्‍ध करा रहे हैं। अभिनीत बताते हैं कि हम लोग इस महामारी के समय कोरोना से ग्रस्त मरीजों के घर घर जाकर फल, दवाइयां और भोजन कर प्रबंध कर रहे हैं।

संस्था के अध्यक्ष ऋषभ श्रीवास्तव के नेतृत्व में आशीष रंजन अमित चौरसिया अखंड उपाध्याय अभिनीत श्रीवास्तव रक्त पर श्रीवास्तव ओम रस्तोगी आभास पांडे तथा अन्य साथियों के साथ अपना ज्यादा से ज्यादा समय मरीजों के घर पर फाइल दवाएं भोजन आगे पहुंचाने में व्यतीत कर रहे हैं ऋषभ बताते हैं कि ऐसा करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य जहां परेशान लोगों की मदद करना है वही किसी भी सामान के लिए कोविड ग्रस्त लोग या उनके परिजनों को घर से बाहर निकलना पढ़े साथ ही संक्रमण की चेन टूट सके इसके लिए हम लोगों ने इस सेवा का बीड़ा उठाया है।

यह पूछने पर कि मदद के लिए धन कहां से आता है, इसपर उनका कहना था हम लोगों ने अपने-अपने व्‍यक्तिगत सहयोग देकर कार्य शूर किया इसके बाद जैसे-जैसे हम लोग का कार्य लोगों ने देखा तो लोगों ने भी हमारी मदद की। उन्‍होंने कहा कि समाज सेवा में आर्थिक दिक्‍कत तो आती है लेकिन बहुत से लोग ऐसे मौजूद हैं जो इस तरह के नेक कार्य में अपनी मदद देने को तैयार रहते हैं।