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ये कागज पर लिखे सिर्फ शब्‍द नहीं, यह वह सम्‍मान है जो केजीएमयू के इतिहास में पहली बार मिला…

-कोविड काल में प्रशंसनीय कार्य के लिए कुलपति ने कर्मचारियों को दिये प्रशस्ति पत्र
-सभी कर्मचारियों की ओर से कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष प्रदीप गंगवार ने जताया आभार


सेहत टाइम्‍स
लखनऊ।
आज के जी एम यू के 117वें स्थापना दिवस के समारोह में पिछले 2 वर्ष से कोविड में कार्य करने वाले हज़ारों कर्मचारियों के कठिन परिश्रम, निर्भीक ह्रदय से मरीज़ सेवा में उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए प्रमुख सचिव, कुलपति,प्रति कुलपति एवं कुलसचिव द्वारा प्रशस्ति पत्र भेंट कर समस्त कर्मचारिगणों को कर्मचारी परिषद के माध्यम से सम्मानित किया गया।

यह जानकारी देते हुए कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष प्रदीप गंगवार ने कहा कि पिछले 117 वर्षों में के जी एम यू ने अनेकों महामारियों का सामना किया और पूरे प्रदेश से आए मरीज़ों की उस महामारी से उपचार कर जीवन बचाने का काम भी किया। इन्‍हीं में से एक वर्तमान महामारी कोविड भी है जिससे हम आज भी संघर्ष कर रहे हैं। इस कोविड काल में हमारे लगभग 21 डॉक्टर कर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन सभी दिवंगत आत्माओं को हमारा नमन और वंदन है।

प्रदीप गंगवार ने कहा कि ख़ुशी इस बात की है कि के जी एम यू के कुलपति एवं कुलसचिव ने हम सभी की मेहनत को पहचाना और आज के जी एम यू के समस्त स्थायी एवं अस्थायी कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने का काम किया है जोकि के जी एम यू के इतिहास में प्रथम बार हो रहा है।

प्रदीप ने कहा कि सम्‍मान जो हमें मिला है यह A 4 साइज़ का पेपर और इसमें लिखे ४ अच्छे शब्द मात्र नहीं हैं। कुलपति और कुलसचिव ने इस प्रशस्ति पत्र के माध्यम से हज़ारों कर्मियों के घर-घर जाकर उन्हें शाबाशी देने और भविष्य के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। इस प्रयास मात्र से मरीज़ों की सेवा में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेगा, क्‍योंकि प्रशासन ने हम कर्मियों की कार्यकुशलता एवं कोविड में किए गये संघर्ष को पहचानने का कार्य किया है।

उन्‍होंने कहा कि कर्मचारी परिषद के निरंतर किए गये प्रयासों से कुलपति एवं कुलसचिव की सहमति प्राप्त हुई। उन्‍होंने कहा कि सभी प्रशस्ति पत्र कर्मचारी परिषद के पदाधिकारी विभागाध्यक्षों से सामंजस्य स्थापित कर समस्त कर्मचारियों को प्रदान करेंगे।

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