-आखिर क्यों झुकने को तैयार नहीं हैं एसजीपीजीआई के सीनियर रेजीडेंट्स
-विभागीय महानिदेशक को सौंपा अपना पत्र, मंत्री से मिलने का समय मांगा
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई में डीएम/एमसीएच कर चुके रेजीडेंट डॉक्टर्स की संस्थान में सेवा विस्तार की स्थिति में सहायक आचार्य पद दिये जाने की मांग को लेकर उठा मामला आसानी से समाप्त होता नहीं दिख रहा है। पूरे करियर से जुड़े इस मसले पर रेजीडेंट डॉक्टर्स पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, उनका कहना है कि हमारी मांग न्यायपूर्ण है, शासन के आदेश के अनुरूप है, हम अपनी तरफ से किसी प्रकार का टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन साथ ही हम अपने करियर से भी खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं।
करियर से खिलवाड़ के बारे में विस्तार से बताते हुए रेजीडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आकाश माथुर ने बताया कि संस्थान जिस प्रकार से डीएम/एमसीएच कर चुके सीनियर रेजीडेंट को उसकी रेजीडेंटशिप खत्म होने के बाद सीनियर रेजीडेंट ही बनाकर सेवा विस्तार देना चाहता है, उसका सीधा असर हमारे जीवन भर के करियर पर पड़ेगा क्योंकि देश के अन्य संस्थानों के डीएम/एमसीएच कर चुके सीनियर रेजीडेंट्स नियम के अनुसार सहायक प्रोफेसर बन जायेंगे लेकिन हम लोग, जिन्हें संस्थान सीनियर रेजीडेंट के पद पर रखना चाहता है, सीनियर रेजीडेंट होने के कारण अपने ही साथ के दूसरे डीएम/एमसीएच करने वाले डॉक्टरों से उतनी ही अवधि के लिए हमेशा के लिए जूनियर हो जायेंगे, यह कहां का न्याय है।
डॉ आकाश ने बताया कि जहां तक बॉन्ड की बात है तो हम उसे मानने को तैयार हैं लेकिन हमें हमारी क्वालिफिकेशन के अनुरूप सहायक आचार्य का पद तो दीजिये, और अगर पद नहीं दे सकते हैं तो हमें बॉन्ड से मुक्त कीजिये, हमारे शैक्षिक प्रपत्र हमें वापस कीजिये, ताकि हम कहीं और आवेदन कर सकें। उन्होंने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन की साफ गाइडलाइन होन के बावजूद संस्थान द्वारा उससे अलग जाकर हम लोगों के साथ अन्याय करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर हमारी बात नहीं सुनी गयी तो हम अपना लगातार विरोध जारी रखेंगे, यहां तक कि संस्थान के दीक्षांत समारोह का बहिष्कार करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में आने वाले राष्ट्रपति तक अपनी बात पहुंचायेंगे।
उन्होंने बताया कि हम लोग आज महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा से मिलकर अपनी गुहार लगाने गये थे। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आकाश माथुर तथा महामंत्री डॉ अनिल गंगवार ने बताया कि महानिदेशक डॉ सौरभ बाबू के अवकाश पर होने के कारण उनका कार्य देख रहे डॉ आरसी गुप्ता को हमने अपना पत्र सौंपकर अपनी बात रखी, उनकी मांग को न्यायपूर्ण मानते हुए शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन अधिकारियों ने दिया।
उन्होंने कहा कि पीजीआई प्रशासन द्वारा अभी तक डीएम/एमसीएच पूर्ण कर चुके छात्रों की सूची तथा सहायक आचार्य के रिक्त पदों की संख्या नहीं भिजवाए जाने पर संस्थान प्रशासन के ढुलमुल रवैये पर सभी अधिकारियों ने रोष व्यक्त किया।
ज्ञात हो कि सभी रेजीडेंट डॉक्टर्स नेशनल मेडिकल कमीशन की एडवाइजरी के अनुरूप सेवा विस्तार की अवधि में सहायक आचार्य बनाये जाने को लेकर आंदोलनरत हैं तथा उनमें अत्यंत रोष व्याप्त है। रेजीडेंट्स का स्पष्ट रूप से कहना है कि वह प्रदेश में सेवा देने के इच्छुक हैं तथा ऐसा करने के लिए उन्हें उचित पद प्रदान किया जाए। यदि संस्थान प्रशासन उचित पद मुहैया नहीं करा सकता तो इन छात्रों को सेवामुक्त करे तथा सीनियर रेजीडेंट के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर नियमानुसार भर्ती करे। रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस दमनकारी नीति के विरुद्ध वह कल से काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगे तथा आगामी दिनों में आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।
उन्होंने बताया कि इसी संदर्भ में वार्ता के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं प्रमुख चिकित्सा शिक्षा से भी मुलाकात का वक़्त मांगा गया है किंतु विधानसभा सत्र चलने के कारण अभी तक मुलाकात का वक़्त नहीं मिल सका है, उम्मीद है कि जल्द ही उच्च स्तरीय वार्ता कर समस्या का समाधान शासन की मध्यस्थता से किया जाएगा।