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अकबर के शासन में शुरू हुआ जानलेवा तम्‍बाकू का चलन अब तक नहीं हो पाया बंद

-विश्‍व तम्‍बाकू निषेध दिवस पर डॉ सूर्यकांत ने प्रधानमंत्री को छठे साल भी लिखा पत्र

 -केजीएमयू के रेस्‍परेटरी विभाग ने आयोजित किया जागरूकता कार्यक्रम

 सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग केजीएमयू में ‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’ 31 मई 2023 को मनाया गया, इस वर्ष की थीम ‘हमें भोजन की आवश्यकता है, तम्बाकू की नही’ है। इस अवसर पर रोगियों के परिजनों की एक सभा में डॉ सूर्यकान्त ने बताया कि 16वीं शताब्दी में अकबर के शासनकाल में पुर्तगाली पहली बार तम्बाकू ले कर भारत आये थे। जहांगीर के शासनकाल में इसके उपभोग को नियंत्रित करने के लिए इस पर भारी मात्रा में कर लगाये गये लेकिन सदियां बीत गयीं, तम्बाकू व्यापार और उपभोग पर लेश मात्र भी अंकुश नहीं लग पाया।

डॉ सूर्यकांत ने कहा कि तम्बाकू के धुएं से 7000 हानिकारक रसायनिक पदार्थ निकलते हैं, जिनमें निकोटीन और टार प्रमुख हैं। इसके धुएं में लगभग 150 ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो कि कैंसर कारक हैं। जिसके कारण 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। बीड़ी, सिगरेट व तम्बाकू से कैंसर के अतिरिक्त 25 तरह की अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। बीड़ी या सिगरेट का धुआं उसको पीने वाले के फेफडे़ में 30 प्रतिशत जाता है व आस-पास के वातावरण में 70 प्रतिशत रह जाता है। जिससे परिवार के लोग और उसके मित्र प्रभावित होते हैं, इसे हम परोक्ष धूम्रपान कहते हैं। इस परोक्ष धूम्रपान से यदि गर्भवती महिला प्रभावित होती है तो इसके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास रुक सकता है तथा गर्भ के अन्दर शिशु की मृत्यु भी हो सकती है।

उन्‍होंने कहा कि विश्व भर में होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत मौंतों का कारण तम्बाकू व धूम्रपान है। डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि प्रतिवर्ष तम्बाकू एवं धूम्रपान के कुप्रभाव के कारण विश्व में लगभग 80 लाख तथा भारत में 12 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। अर्थात भारत में लगभग 3000 लोगों की मृत्यु प्रतिदिन तम्बाकू और इसके उत्पादों के स्वास्थ्य पर होने वाले खतरनाक दुष्प्रभावों के कारण होती है। इस जागरूकता कार्यक्रम में डा0 एस0के0 वर्मा, डा0 आनन्द श्रीवास्तव, समस्त जूनियर डाक्टर्स, रोगी व उनके परिजन, जौनपुर मेडिकल कॉलेज के डा0 सच्चिदानन्द राय तथा मैनपुरी से आये सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप तिवारी भी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त ने आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक पत्र लिख कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तम्बाकू पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की। ज्ञात रहे सन् 2018 से लगातार “वर्ल्ड नो टोबैको डे“  पर डॉ सूर्यकान्त प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तम्बाकू पर पूर्ण प्रतिबन्ध की मांग करते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री के साथ-साथ उप्र की राज्यपाल, आनन्दी बेन पटेल, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया, राज्यमंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग डा0 भारती प्रवीण पवार एवं एस0 पी0 सिंह बघेल, उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ब्रजेश पाठक तथा डा0 अतुल गोयल डीजीएचएस, भारत सरकार, को भी उन्होंने पत्र भेजा। डा0 सूर्यकान्त को आशा है कि उनके द्वारा भेजे गये पत्र पर देश के हित को ध्यान में रखते हुए तम्बाकू पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जायेगा, जिससे पर्यावरण और मानव जाति को इस से छुटकारा मिलेगा।

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