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आरएमएलआई में नौ कर्मियों को हटाने का मामला 7 जून को सुलझने के आसार

-शासन के हस्‍तक्षेप के बाद निदेशक ने कर्मचारियों को दिया आश्‍वासन

-राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के नेतृत्‍व में घेराव के लिए जमा हुए कर्मचारी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। लोहिया संस्थान में 9 सम्बद्ध कर्मियों को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा कार्यमुक्त करने के विरोध में आज लोहिया के निदेशक के कार्यालय के समक्ष धरना की चेतावनी के बीच प्रमुख सचिव  चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव सौरभ बाबू के हस्तक्षेप के उपरांत लोहिया संस्थान के निदेशक ने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित किया, उन्होंने कहा कि राजभवन में एक अनिवार्य बैठक होने के कारण आज नहीं, सोमवार 7 जून को मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा व इस सम्बंध में शासन को पत्र भी प्रेषित कर दिया गया है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष डीडी त्रिपाठी, उपाध्यक्ष अनिल कुमार, राजेश श्रीवास्तव, मंत्री  डी एस पाण्डेय, राजेश शुक्ला, एक्‍सरे टेक्नीशियन संघ के अध्यक्ष आर के पी सिंह, अनिल प्रताप सिंह सम्मिलित थे।

महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में विलय से पहले कार्यरत 9 कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति पर तैनाती इसलिए नहीं हो पाई थी कि संस्थान की गलती के कारण उन कर्मचारियों के पे बैंड या तो गलत हो गए थे या उनकी शैक्षिक योग्‍यता गलत बताई गई थी, ऐसी स्थिति में उनको संस्‍थान द्वारा संबद्ध कर दिया गया था।

महामंत्री ने बताया कि इस संबंध में 4 अक्टूबर 2019 को शासन में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के कक्ष में हुई वार्ता में समझौता हुआ था कि अतिशीघ्र प्रतिनियुक्ति से बाकी रह गये कर्मचारियों को, जो कमियां हैं उनको दूर कराकर प्रतिनियुक्ति पर ले लिया जाएगा, इस सम्‍बन्‍ध में  निदेशक डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को निर्देश भी दिया गया था, जिसका अनुपालन भी किया गया। लेकिन अब बीती 1 जून को संस्‍थान के सी एम एस द्वारा द्वेषवश नयी निदेशक को भ्रमित कर कर्मचारियों को संस्‍थान से हटाने का आदेश पारित किया गया है।

बाध्य होकर आज निदेशक तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान कार्यालय के समक्ष धरना व घेराव करने का निर्णय लिया गया था। आज आंदोलन में परिषद के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी उपस्थित रहे।