Sunday , April 28 2024

केजीएमयू में पहली बार हुआ कन्धे का सफल पूर्ण प्रत्यारोपण

-केजीएमयू के इतिहास में जुड़ी एक और स्वर्णिम उपलब्धि

सेहत टाइम्स

लखनऊ। केजीएमयू के इतिहास में एक और स्वर्णिम उपलब्धि जुड़ गई। आर्थोपेडिक विभाग के चिकित्सकों ने सर्जरी कर एक 51 वर्षीय महिला के कन्धे का पूर्ण प्रत्यारोपण सफ़लतापूर्वक किया। ज्ञात हो के जी एम यू में कूल्हे, घुटने आदि का विश्व स्तरीय प्रत्यारोपण पहले से हो रहा है लेकिन कंधे का पूर्ण प्रत्यारोपण पहली बार किया गया।

आर्थोपेडिक विभाग के विशेषज्ञ डॉ कुमार शान्तनु ने बताया कि ऐसे मरीज़ों में जिनका कंधे का जोड़ पूर्णतया नष्ट हो जाता है और उसकी मांसपेशियाँ तथा लिगामेंट आदि रिपेयर योग्य नहीं रहते उन्हें कंधे के जोड़ के प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ती है। की गयी सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि गोंडा के वीरपुर गाँव भोज निवासी 51 वर्षीय महिला ननकान को गठिया रोग था। जिसके कारण उसके दोनों कूल्हों का प्रत्यारोपण पहले ही केजीएमयू में सफलतापूर्वक किया गया था। पिछले एक साल से मरीज़ के दोनों कंधों में दर्द व जकड़न बढ़ गई थी, जिसके कारण वह दोनों ही कंधे बिल्कुल नहीं उठा पाती थी। यहाँ तक कि अपना दैनिक कार्य भी नहीं कर पा रही थी।

पूर्व में हुए अपने दोनों कूल्हों के सफल प्रत्यारोपण के बाद उन्हें के जी एम यू पर पूरा भरोसा था इसलिए वह दोनों कंधे दिखाने यहीं आईं। हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर कुमार शान्तनु ने उनके कंधे का परीक्षण कर समस्त जाँचों के पश्चात उन्हें कंधे का प्रत्यारोपण कराना निश्चित किया गया। 6 नवंबर को उनके कंधे का पूर्ण प्रत्यारोपण हड्डी रोग विभाग में किया गया। यह शल्य चिकित्सा कुमार शान्तनु एवं विभागाध्यक्ष प्रो आशीष कुमार द्वारा की गई है। अब मरीज़ को काफ़ी आराम है एवं वह अब अपना कंधा दर्द रहित इस्तेमाल कर पाएगी।

आपको बता दें कि घुटने एवं कूल्हे के प्रत्यारोपण तो काफ़ी संख्या में होते रहते हैं पर कंधे का प्रत्यारोपण मुश्किल होने के कारण केवल देश के मेट्रो शहरों में ही सामान्य तौर में किए जाते रहे हैं पर अब केजीएमयू में इसकी सुविधा उपलब्ध रहेगी। कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने अस्थि रोग विभाग को सफल शल्य चिकित्सा के लिए बधाई दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.