-आश्वासन के विपरीत तीन भत्तों के स्थान पर मिला एक भत्ता
-कर्मचारी महासंघ ने फिर सौंपा को निदेशक को विरोध पत्र
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एसजीपीजीआई के कर्मचारी अपने आपको ‘ठगा’ हुआ महसूस कर रहे हैं, कारण है बार-बार आंदोलन और आश्वासनों के बाद भी एम्स दिल्ली के समान जिन तीन भत्तों को देने का आश्वासन मिला था, उनमें सिर्फ एक भत्ता दिया गया, वह भी बैक डेट से नहीं। अब कर्मचारी महासंघ ने एक बार फिर निदेशक से मिलकर अपना विरोध पत्र सौंपा है जिसमें तीनों भत्तों को 1 जुलाई, 2017 से दिये जाने की मांग करते हुए मांग न पूरी किये जाने की दशा में कड़े आंदोलन की बात कही है।
महासंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार यादव और महामंत्री धर्मेश कुमार ने पत्र में लिखा है कि शासनादेश के द्वारा संस्थान कर्मचारियों को केवल वर्दी भत्ता वह भी तत्काल प्रभाव से अनुमन्य किया गया है, जबकि हॉस्पिटल पेशेंट केयर भत्ता और द्विभाषीय प्रोत्साहन भत्ता को अनुमन्य नहीं किया गया है, जबकि कर्मचारी महासंघ द्वारा एम्स के समतुल्य तीनों भत्तों वर्दी भत्ता, हॉस्पिटल पेशेन्ट केयर भत्ता और द्विभाषीय प्रोत्साहन भत्ता को एम्स नयी दिल्ली में लागू तिथि 1 जुलाई, 2017 से संस्थान में लागू किये जाने की मांग की जा रही थी।
महासंघ के पत्र में कहा गया है कि अगर ये मांग पूरी न हुई तो कड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन की होगी। ज्ञात हो पिछले दिनों एक माह से चल रहे धरना-प्रदर्शन को इस आश्वासन के बाद समाप्त कर दिया गया था कि शासन से भत्तों को लेकर शीघ्र ही आदेश हो रहा है।