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संजय गांधी पीजीआई की नर्सों का ऐलान, 14 दिन लगातार कोविड ड्यूटी नहीं करेंगे

-निदेशक को दिया पत्र, चार घंटे 7 दिन ड्यूटी के साथ ही क्‍वारेंटाइन की भी मांग

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के नर्सिंग स्‍टाफ एसोसिएशन ने आज फि‍र लगातार 14 दिन की ड्यूटी करने में असमर्थता जताते हुए निदेशक से मांग की कि सात दिन की ड्यूटी वाले क्रम को ही रखा जाये। क्‍योंकि कोविड हॉस्पिटल की ड्यूटी जो पीपीई किट पहनकर होती है, उसमें सात दिन की ड्यूटी में ही बहुत दिक्‍कत आती है, ऐसे में लगातार 14 दिन की ड्यूटी करना और भी मुश्किल होगा।

यह जानकारी देते हुए नर्सिंग एसोसिएशन की अध्‍यक्ष सीमा शुक्‍ला ने बताया कि इस मसले पर आगे की रणनीति तय करने के लिए एसोसिएशन की मीटिंग हुई, जिसमें सभी सदस्‍यों ने 14 दिन की ड्यूटी और क्‍वारेंटाइन के मसले पर अपने-अपने विचार रखे। उन्‍होंने बताया कि सभी का एक मत था कि 14 दिन लगातार ड्यूटी नहीं की जायेगी। बैठक में नर्सों का कहना था कि जैसा कि लग रहा है कि कोरोना हमारे साथ अगले छह महीने तक रहेगा और पीपीई किट भी बीच-बीच में गड़बड़ हो रही है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए जब कहो तो किट बदल दी जाती हैं। लेकिन कुछ दिन बाद फिर ऐसी ही शिकायतें शुरू हो जाती हैं, ऐसी स्थिति में लगता है कि हम लोगों की कोई सुरक्षा नहीं है।

नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष सीमा शुक्ला तथा महामंत्री सुजान सिंह द्वारा भेजे गये पत्र में परेशानियों के बारे में लिखा है कि आज निदेशक को दिए गए पत्र में कहा गया है कि शासन द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर नर्सों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने इस निर्णय को अस्वीकार कर दिया। नर्सों ने पीपीई किट के साथ लगातार 6 घंटे 7 दिन सेवा देने में अनेक प्रकार की शारीरिक समस्यायें होने की शिकायतों के बारे में बताया।  उनका कहना था कि एन95 मास्‍क व पीपीई से चेहरे को ढंकने के लिए टेप से चिपकाया जाता है जिससे नाक व चेहरे की त्वचा उखड़ जाती है जिससे पीड़ा भी करती है। यह पीड़ा लगातार सात दिन 6 घंटे तक सहन करनी पड़ती है।

स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट पहनने पर घबराहट भी होती है यह घबराहट 6 घंटे 7 दिन तक लगातार सहन करनी है, इसके अलावा तेज सिरदर्द की शिकायत आती है इससे भी शरीर में आगे हानि होने का खतरा रहता है, स्वास्थ्य कर्मियों को सांस लेने में परेशानी होती है, साथ ही किट पहनने के बाद 6 घंटों तक न खाना, न पीना, न ही टॉयलेट जाने से शरीर में यूटीआई, स्किन डिजीज, डिहाइड्रेशन, हाइपोग्लाइसीमिया जैसी स्थितियां हो जाती हैं।

पत्र में ड्यूटी के लिए जारी दिशा निर्देशों में सुधार करने की मांग की गयी है इसके अनुसार कोरोना ड्यूटी वाले स्वास्थ्य कर्मियों से 7 दिन प्रतिदिन 4 घंटे की सेवा ली जाए दूसरा कोरोना स्वास्थ्य कर्मियों की 7 दिन का होटल में पैसिव क्‍वारेंटाइन किया जाए।

एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि अगर हमारी मांगों का समाधान 24 घंटे में नहीं किया जाता है तो मजबूर होकर 8 जून से एसोसिएशन विरोध का रास्ता अपनाने के अपनाने के लिए बाध्‍य होगी, जिसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रबंधन एवं उत्तर प्रदेश शासन की होगी।

बैठक में होम क्‍वारेंटाइन को लेकर भी कई तरह की आशंकायें जताई गईं इसमें कहा गया कि स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना यूनिट में सेवा देने से उनके घरों में कोरोना संक्रमण आएगा उसके बाद उनके द्वारा समाज में फैलेगा।