निदेशक ने दिया दो-तीन दिनों में भुगतान कराने का आश्वासन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सिस्टम स्ट्रेन्थनिंग परियोजना के अंतर्गत आउटसोर्सिंग के तहत ठेके पर और संविदा के तहत नियुक्त किये गये नर्सिंग, पैरामेडिकल के साथ ही अन्य स्टाफ के कर्मचारियों में तीन माह से वेतन न मिलने से रोष व्याप्त है। सभी पुरुष व महिला कर्मचारियों की एक सभा गुरुवार 22 जून को बलरामपुर चिकित्सालय में हुई।
यह जानकारी प्रदेश महामंत्री वीके राय ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से देते हुए बताया कि इस बैठक को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष संजीव पांडेय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में न्यूनतम वेतन न दिये जाने से सभी कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि इसके चलते आज कर्मचारी संघर्ष की राह पर चलने को विवश हो गया है। परिषद के महामंत्री बीके राय ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस सम्बन्ध में केंद्र और राज्य सरकार को दो बार संदर्भित किया जा चुका है लेकिन खेद की बात है अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
परिषद के वित्त मंत्री अम्बरीष अग्निहोत्री ने कहा कि हर उत्पीडऩ और शोषण से निजात पाने का एक ही रास्ता है आंदोलन। उन्होंने कहा कि बहुत दिनों तक मौन नहीं रहा जा सकता है। इस सम्बन्ध में संजीव पाण्डेय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने निदेशक बलरामपुर अस्पताल से मुलाकात कर वेतन न मिलने की समस्या को रखा। निदेशक ने दो-तीन दिन अंदर वेतन दिलाने का आश्वासन दिया। मीटिंग को उपाध्यक्ष संजय मिश्रा गुल्लू, जगदीश कुमार गौतम, महामंत्री वीके राय, सुनील कुमार मिश्रा, अरविन्द कुमार, नितिन सिंह, चेतन सिंह अधिकारी, भानू प्रताप राय, सुशील कुमार शुक्ला, विनोद सिंह, बृजेश कुमार श्रीवास्तव, राजेश्वर सिंह, सियाराम, अजय सिंह, निधि, ओम प्रकाश प्रजापति, शैलेन्द्र कुमार, अनिल कुमार, अश्विनी कुमार, महेन्द्र सिंह, नीतू सिंह, ऋतिका शर्मा, नूपुर श्रीवास्तव, राजेश द्विवेदी, उमा सिंह, नीतू मौर्या, संजीव कुमार, प्रियंका, सीताराम प्रजापति, प्रियंका साहू, ज्योति, अमरनाथ, शकुन्तला, सुनील तिवारी, शैलेन्द्र वर्मा, इमरान खान, राहुल, रश्मि यादव, नीलम रस्तोगी, पूजा, मोनिका तिवारी, मिथिलेश कुमार आदि कर्मचारियों ने भी सम्बोधित किया।