दिसम्बर से लेकर मार्च तक चार चरणों में 7-7 दिनों के लिए चलेगा अभियान
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह ने कहा है कि आगामी 2 दिसम्बर से सघन मिशन इन्द्रधनुष 2.0 अभियान का अगला चरण प्रारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज को 90 प्रतिशत तक बढ़ाना और उसे बनाये रखना है।
श्री सिंह ने कहा कि सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान 4 चरणों (2 दिसम्बर 2019, 6 जनवरी 2020, 3 फरवरी 2020 एवं 2 मार्च 2020) में प्रदेश के 73 जनपदों के 425 ब्लॉक में चलाया जा रहा है। प्रत्येक चरण माह के प्रथम सोमवार से 7 दिवसों पर (बुधवार, शनिवार एवं अवकाशों को छोड़कर) चलाया जायेगा। इसके अन्तर्गत 66283 सत्रों का आयोजन कर 558350 बच्चों एवं 130757 गर्भवती महिलाओं को प्रतिरक्षित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह आज यहां गोमती नगर स्थित होटल रेनेशां में सघन मिशन इन्द्रधनुष 2.0 के शुरू होने के अवसर पर आयोजित मीडिया कार्यशाला एवं लॉन्च कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान को सफल बनाने में मीडिया जगत की अहम भूमिका है। टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं टीकों से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने में मीडिया का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से अपील करते हुये कहा कि सघन मिशन इन्द्रधनुष 2.0 अभियान को सफल बनाने एवं आमजनमानस को बच्चों के टीकाकरण के प्रति जागरूक करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
श्री सिंह ने इस अवसर पर सघन मिशन इन्द्रधनुष 2.0 अभियान का शुभारम्भ करते हुये 2 वर्ष से कम उम्र के उपस्थित बच्चों को टीके की खुराक पिलाई। उन्होंने कहा कि मिशन इन्द्रधनुष भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य देशभर में बच्चों के पूर्ण प्रतिरक्षण कवरेज को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी का संदेश है कि स्वस्थ भारत-सशक्त भारत और यह तभी संभव है जब देश का बच्चा-बच्चा स्वस्थ हो।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि सघन मिशन इन्द्रधनुष 2.0 अभियान का उद्देश्य टीकाकरण से छूटे हुये 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण कराते हुये रोगों से प्रतिरक्षित करना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरुआत करने से पूर्व नवम्बर माह में आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से घर-घर जाकर टीकाकरण से छूटे हुये बच्चों का विवरण तैयार कराया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिये कर्मचारियों की कार्य के लिये प्रतिबद्धता, सक्षमता तथा निरंतर समीक्षा बहुत आवश्यक है।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि बच्चों के टीकाकरण के प्रति अभिभावकों को भी जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में तो अभिभावक अस्पताल जाकर बच्चों का टीकाकरण करा लेते हैं, परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावकों को चाहिये कि यदि उनके बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है, तो वे इस आशय की सक्षम स्तर पर शिकायत करें कि उनके बच्चे को क्यों असुरक्षित छोड़ दिया गया है। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों को बच्चों के टीकाकरण के प्रति जागरूक करें।
इस अवसर पर अपर मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जसमीत कौर, महानिदेशक, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण डॉ उमाकांत, राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी, डॉ एपी चतुर्वेदी, महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण, डॉ वेद प्रकाश ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में बताया गया कि मिशन इन्द्रधनुष 2.0 को सफल बनाने एवं समस्त गतिविधियों को समय से पूर्ण करने के लिए अन्य सरकारी विभागों के साथ-साथ बाहरी संस्थाओं, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, रोटरी, कोर ग्रुप, एआईएच, टीएसयू का भी सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।