Tuesday , December 3 2024

कैंसर संस्‍थान में प्रथम 1000 रोगियों का रेडियोथेरेपी से उपचार पूरा

-कल्‍याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैन्सर संस्थान में कुछ और सुविधाएं भी शुरू

कैंसर के दौरान इंफेक्शन पकड़ने की जांच के लिए लैब का भी उद्घाटन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। चक गंजरिया लखनऊ स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैन्सर संस्थान के रेडि‍‍एशन ऑंकॉलॉजी विभाग में आज प्रथम 1000  रोगियों का विकिरण चिकित्सा से उपचार सम्पूर्ण हुआ। इस उपलक्ष्य में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में निदेशक प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमन ने विभाग के स्टाफ़ का उत्साहवर्धन किया एवं और अधिक समर्पण से कैन्सर रोगियों की सेवा का आह्वान किया।

रेडीएशन ऑंकॉलॉजी विभाग में अत्याधुनिक SGRT (सरफ़ेस गाइडेड रेडियोथेरपी ) को निदेशक द्वारा क्रियाशील किया गया। इस अवसर पर रोगियों एवं उनके तीमारदारों को मिष्ठान का वितरण भी किया गया।

ज्ञात हो कि रेडीएशन चिकित्सा का शुभारम्भ कोविड महामारी के प्रकोप के मध्य हुआ था। जब अन्य चिकित्सालयों में कैन्सर रोगियों को विकिरण चिकित्सा मिलने में अत्यधिक कठिनाई हो रही थी, तब कैन्सर संस्थान की पहल से बहुत से रोगियों को उपचार में सहायता प्राप्त हुई। इस अवसर पर विभाग के प्रमुख डॉक्टर शरद सिंह एवं डॉक्टर प्रमोद कुमार गुप्ता मौजूद रहे।

मैक्सिलो फेसिअल सर्जरी स्पेशलिटी में एंडोस्कोपी यूनिट का लोकार्पण

आज ही प्रोफेसर धीमन ने मैक्सिलो फेसिअल सर्जरी स्पेशलिटी में एंडोस्कोपी यूनिट का लोकार्पण कर मरीजों को एंडोस्कोपी की सौगात दी। जिससे अब मरीजों को एंडोस्कोपी के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगाI

बायोसेफ्टी लेवल 2 माइक्रोबायोलॉजी लैब शुरू, होंगी विभिन्न संक्रमणों की जांचें

एक और उपलब्धि संस्थान में बायोसेफ्टी लेवल 2 माइक्रोबायोलॉजी विभाग का उद्घाटन भी था, जो रेडियोलॉजी ब्लॉक में द्वितीय तल पर स्थित है। प्रो आर के धीमन ने बताया कि कैंसर के दौरान किसी भी प्रकार का इंफेक्शन हो सकता है, जो कीटाणु, विषाणु या बैक्टीरिया के कारण हुआ हो।

उन्होंने कहा कि अगर संक्रमण वायरस के कारण हुआ है, तो मरीज को हरपीज, फ्लू या कोल्ड हो सकता है। अगर इंफेक्शन बैक्टीरिया के कारण हुआ है तो मरीज को निमोनिया के लक्षण, पेशाब मे इंफेक्शन हो सकता है और अगर germs के कारण शरीर में इंफेक्शन हुआ है, तो बुखार टिशू या ऑर्गन डैमेज की समस्या आ सकती हैं। अगर इंफेक्शन गंभीर हो जाए तो मरीज को sepsis भी हो सकता है और यह मरीज के लिए जानलेवा भी हो सकता है। समय पर इंफेक्शन का इलाज जरूर करवाना चाहिए।

डॉ धीमन ने कहा कि संस्थान में ही जांचें हो जाने से मरीजों के उपचार में सहयोग मिलेगा। माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अब बैक्टीरियोलॉजी, सीरोलॉजी, फंगल, वायरोलॉजी एवं कोविड-19 संबंधित विभिन्न प्रकार की जांचे संभव हो पाएगी। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के उद्घाटन के समय निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुपम वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ विजेंद्र कुमार,  माइक्रोबायोलॉजी लैब की संचालक सहायक प्रोफेसर मनीषा गुप्ता, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर सुमन राज, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर अब्दुल करीम, मेडिकल लैब टेक्नीशियन नितिन कुमार, आनंद सिंह और खुशबू बाजपेई मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.