-केजीएमयू में शनिवार को होने वाले शोकेस 2021 कार्यक्रम में भाग लेने आ रहे आईसीएमआर के निदेशक
सेहत टाइम्स
लखनऊ। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के निदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव चीन की वुहान लैब से रहस्यमय निमोनिया जैसी बीमारी के नाम पर सदी की वैश्विक महामारी कोविड-19 के निकलने से लेकर इसके पहले मामले का पता लगाने तक तथा उसके बाद सदी के सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट से लड़ते हुए अपने रोमांचक अनुभवों को शनिवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में साझा करेंगे। ज्ञात हो प्रोफेसर बलराम भार्गव ने केजीएमयू से अपनी मेडिकल की पढ़ाई की है तथा आईसीएमआर में निदेशक नियुक्त होने से पहले वे दिल्ली एम्स में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर के रूप में तैनात थे।
केजीएमयू द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि प्रोफ़ेसर भार्गव यह महत्वपूर्ण जानकारी शनिवार को केजीएमयू में आयोजित रिसर्च शोकेस 2021 में प्रोफेसर देवेंद्र गुप्ता व्याख्यान के तहत अपने व्याख्यान द इनसाइड स्टोरी ऑफ़ कोवैक्सीन में देंगे।
प्रोफेसर भार्गव अपने व्याख्यान में भारत में कोविड-19 महामारी से निपटने की उत्साहजनक कहानी और सभी के प्रयासों के बारे में जानकारी देंगे। हम भारतीयों को सुरक्षित रखने के लिए जो अथक प्रयास हुए उसके बारे में प्रोफ़ेसर भार्गव अपने व्याख्यान में बताएंगे यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में भारी तबाही मचाई सभी देश अपने आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे या सांस्कृतिक स्थिति के बावजूद अकल्पनीय तबाही में डूब गए, भारत भी निराशा और पीड़ा के अनुभवों से गुजरा।
इसके अतिरिक्त प्रोफेसर भार्गव भारत के स्वदेशी टीके की जानकारी देंगे, साथ ही बताएंगे कि किस प्रकार एक मजबूत प्रयोगशाला नेटवर्क के विकास, निदान, उपचार और सीरो सर्वे को लेकर नई तकनीकों और टीकों तक की जानकारी के साथ उनके व्याख्यान में विज्ञान की विधियों और हमारे वैज्ञानिकों द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के दौरान सामने आई चुनौतियों का वर्णन भी रहेगा।