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कोरोना से ग्रस्‍त कर्मियों की चिकित्‍सा प्रतिपूर्ति में आ रही समस्‍या

-राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद ने पत्र लिखकर की समाधान की मांग

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्‍तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि आज मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भेज कर मांग की है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से संक्रमित कर्मचारी व उनके आश्रितों का उपचार के उपरांत चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं हो पा रही है उसका शीघ्र समाधान करें।

श्री मिश्रा ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी लहर जो कि विकराल रूप ले कर आई जिसमें प्रदेश के समस्त राजकीय चिकित्सालय व विशिष्ट संस्थानों में बेड की अनुपलब्धता के कारण बड़ी मात्रा में लोग दिवंगत भी हुए। ऐसी विकराल परिस्थिति में प्रदेश के हजारों कर्मचारी व उनके आश्रित जो संक्रमित हुए उन्हें मजबूरन इलाज के लिए प्राइवेट चिकित्सालय में भर्ती होकर उपचार कराना पड़ा।

उत्तर प्रदेश में कर्मचारी व उनके आश्रितों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जो व्यवस्था शासन द्वारा की गई है उसके तहत प्रदेश के अंदर एस जी  पी जीआई व प्रदेश के बाहर एम्स नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दरों पर ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जाता है, परंतु कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज दोनों ही संस्थान में निशुल्क किया जा रहा है जिसके कारण कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा है व शासन द्वारा इस संम्बंध में कोई दिशा निर्देश नहीं जारी किया है, जिसके कारण प्रदेश के कर्मचारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

परिषद के अध्यक्ष सुरेश, व महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य से मांग की है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए निजी चिकित्सालयों की दरें शासन द्वारा निर्धारित की गई हैं उन्हीं दरों के अनुसार कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिलों का भुगतान के लिए शीघ्र शासनादेश निर्गत करायें।