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प्रमुख सचिव ने कहा, मैं खुद देखूंगा, बेसिक हेल्‍थ वर्कर की मांगों पर कार्रवाई क्‍यों नहीं हुई

स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संघ उत्तर प्रदेश की मांग पर भी शीघ्र निर्णय लिये जाने का आश्‍वासन
-राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के नेतृत्‍व में की विभागीय प्रमुख सचिव से मुलाकात

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के बेसिक हेल्‍थ वर्कर्स की मांगों पर दो माह पूर्व बनी स‍हमति के बावजूद अब तक क्रियान्‍वयन क्‍यों नहीं हुआ, इसकी जानकारी प्रमुख सचिव द्वारा स्‍वयं देखने का आश्‍वासन दिया गया है। प्रमुख सचिव ने यह आश्‍वासन बुधवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा के नेतृत्व में मिलने गये प्रतिनिधिमंडल को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी ने दिया। उन्‍होंने प्रतिनिधिमंडल को स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संघ उत्तर प्रदेश की मांग पर भी शीघ्र निर्णय लिये जाने का आश्‍वासन दिया है।

अतुल मिश्रा ने बताया कि आज बुधवार को प्रमुख सचिव से उनके कक्ष में भेंट कर परिवार कल्याण में कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया गया। प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ ही परिषद के उपाध्यक्ष व बेसिक हेल्थ वर्कर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष धनंजय तिवारी व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह चौहान भी शामिल थे।

परिषद के महामंत्री ने बताया की बेसिक हेल्थ वर्कर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा बीती 17 दिसंबर 2019 को महानिदेशालय परिवार कल्याण पर धरने का आयोजन किया गया था, जिसमें परिषद के हस्तक्षेप के बाद सचिव परिवार कल्याण की अध्यक्षता में महानिदेशक परिवार कल्याण व परिषद की उपस्थिति में वार्ता संपन्न हुई थी, जिसमें संघ की 8 सूत्री मांगों पर विस्तृत चर्चा के उपरांत सहमति बनी थी व दिसंबर माह में ही शासन द्वारा उचित प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित करते हुए कार्यवृत्त जारी की गई थी जिसमें इनकी प्रमुख मांग स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष के पदों के लिए निर्धारित 1 वर्षीय सेवा पूर्व प्रशिक्षण के स्थान पर 2 वर्ष किए जाने, संविदा एम पी डब्ल्यू चयन में प्रशिक्षण प्रदान किए जाने, मृतक आश्रित के रूप में अभ्यर्थियों को सर्वप्रथम स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष के पद पर नियुक्त करने आदि मांगें शामिल हैं।

उन्‍होंने बताया कि 2 माह से अधिक व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक कोई प्रस्ताव महानिदेशालय द्वारा शासन को उपलब्ध नहीं कराया गया जिस पर प्रमुख सचिव ने गंभीरता से लेते हुए यह आश्वस्त किया कि वे स्वयं इस प्रकरण को देखेंगे कि इन पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई व शीघ्र अपनी अध्यक्षता में संघ के साथ बैठक कर समस्याओं का निदान प्राथमिकता के आधार पर करेंगे।

इसी तरह स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संघ उत्तर प्रदेश की मांग पर प्रमुख सचिव से विस्तृत चर्चा हुई। उनकी प्रमुख मांग कार्य एवं दायित्व निर्धारण के संबंध में संघ विगत 8 वर्षों से लगातार प्रयासरत रहा जिस पर 17 अक्टूबर 2019 को शासन द्वारा कार्य एवं दायित्व का निर्धारण करते हुए शासनादेश निर्गत कर दिया गया परंतु शासन द्वारा बिना किसी ठोस कारण के 18 अक्टूबर 2019 को उक्त शासनादेश स्थगित कर दिया गया जिससे कर्मचारियों में काफी निराशा हुई इस पर प्रमुख सचिव ने कहा कि यह प्रकरण मेरे संज्ञान में है इसका शीघ्र ही निर्णय लेकर शासनादेश एक माह के अंदर निर्गत कर दिया जाएगा।

प्रमुख सचिव ने कहा कि दोनों संवर्ग परिवार कल्याण की रीढ़ हैं और विभाग कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के प्रति गंभीर है। वे शीघ्र ही संगठनों के साथ बैठक कर समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कराएंगे ।