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पांच में से एक भारतीय किसी न किसी प्रकार के कॉनिक पेन से है ग्रस्त

-डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सफलता के साथ चल रही पेन मेडिसिन यूनिट

-पेन अवेयरनेस माह ‘सितम्बर’ के अवसर पर सीएमई का आयोजन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। यहां गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो सीएम सिंह ने कहा है कि प्रत्येक 5 में से 1 भारतीय किसी न किसी प्रकार के क्रॉनिक पेन से ग्रसित है। ऐसे में क्रॉनिक पेन सिन्ड्रोम एवं उसके आधुनिक इलाज की जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। लोहिया संस्थान में ‘पेन मिडिसिन यूनिट’ लगातार क्रॉनिक पेन के रोगियों का उपचार कर रहा है, यहां देश के कोने-कोने से मरीज आते हैं।

प्रो सिंह ने यह बात 6 सितम्बर को संस्थान में पेन अवेयरनेस माह ‘सितम्बर’ के अवसर पर ‘पेन मेडिसिन यूनिट’ एनेस्थीसिया विभाग द्वारा आयोजित क्रॉनिक पेन सिन्ड्रोम में पेन मेडिसिन एवं मिनमली इनवेसिव पेन व स्पाइन इंटरवेंशन (मिप्सी) विषय पर सीएमई में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हुए अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने बताया कि संस्थान में ‘पेन मेडिसिन ओपीडी‘ निम्नलिखित बीमारी का ख्याल रखती है-

  • पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डी में दर्द
  • घुटने व कूल्हे का दर्द
  • ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया और पोस्ट-हर्पेटिक न्यूराल्जिया
  • जमे हुए कंधे
  • मधुमेह न्यूरोपैथी
  • कटिस्नायुशूल
  • कैंसर का दर्द
  • सरवाइकल दर्द
  • सभी क्रोनिक दर्द सिंड्रोम

प्रो0 पी0के0 दास, विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया विभाग ने सभी वरिष्ठ चिकित्सकों व अतिथियों का स्वागत किया, और बताया कि ‘पेन मेडिसिन MIPSI LAD’ में आधुनिक सुविधाओं में लगातार बढोत्तरी हो रही है।
डा0 अनुराग अग्रवाल, पेन फिजीशियन ने क्रॉनिक पेन सिन्ड्रोम का आम जनता पर प्रभाव व उसके दुष्परिणामों में बारे में जागरूक किया व इसके इलाज के लिए उपलब्ध मिप्सी तकनीक की विस्तृत जानकारी दी। डा0 अग्रवाल ने बताया कि महिलायें क्रॉनिक पेन से पुरुषों की अपेक्षा अधिक पीड़ित हैं, मिप्सी विधि द्वारा बिना बड़े ऑपरेशन के अधिकांश मरीजों का सफल उपचार किया जाता है। मिप्सी तकनीक बड़ी, खुली सर्जरी की आवश्यकता के बिना न्यूनतम आक्रामक, त्वचा संबंधी उपचार है।

डा0 शिवानी रस्तोगी, पेन फिजीशियन ने हेड, नेक व फेशियल पेन सिन्ड्रोम जैसे कि ट्राइजिमाइनल न्यूरैलिजिया व इसके उपचार के लिए उपलब्ध मिप्सी तकनीकियों की जानकारी दी।
डा0 देवेन्द्र सिंह, पेन फिजीशियन, मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ ने पेन मेडिसिन से सम्बन्धित आधुनिक तकनीकियों की चर्चा की। डा0 चेतना शमशेरी, पेन फिजीशियन, एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ ने न्यूरोपैथी सिन्ड्रोम व इसके उपचार के बारे में बताया। डा0 निकिता अग्रवाल, अपोलो हॉस्पिटल, लखनऊ ने कैंसर के दर्द में पेन मेडिसिन के महत्व का वर्णन किया। सीएमई के अन्त में पैनल डिस्कशन हुआ, जिसमें विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी के वरिष्ठ डाक्टरों ने क्रॉनिक पेन सिन्ड्रोम जैसे- कमर दर्द, कैंसर पेन, ट्राइजिमाइनल न्यूरालिजिया आदि के सर्वोत्तम व आधुनिक मिप्सी उपचार पर चर्चा की।

कार्यक्रम में प्रो0 भुवन चन्द्र तिवारी, विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी व मीडिया प्रभारी, प्रो0 मधुप रस्तोगी, विभागाध्यक्ष रेडियेशन ऑन्कोलाजी, डा0 विक्रम सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, डा0 शैली महाजन, विभागाध्यक्ष डेन्टल, प्रो0 अमितेश पाठक, पेन फिजीशियन, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का सक्रिय योगदान रहा।

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