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एक-एक करके पूरे कर रही हूं नाना-नानी के सपने

-एमडी मेडिसिन की गोल्‍ड मेडलिस्‍ट डॉ अंकिता सिंह करना चाहती हैं डीएम कार्डियोलॉजी

डॉ अंकिता सिंह

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। मेरे घरवालों विशेषकर मेरे नाना-नानी के सपनों को एक-एक करके मैं पूरा कर रही हूं। मैं अब कार्डियोलॉजी में डीएम करना चाहती हूं।  यह कहना है वाराणसी की डॉ अंकिता सिंह का, डॉ अंकिता ने केजीएमयू में एमडी मेडिसिन में डॉ एनएन गुप्ता गोल्‍ड मेडल हासिल किया है।

डॉ अंकिता कहती हैं कि मेरे पिता केमिस्ट हैं और मां सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। मेरे मामा, मामी, मौसी और मौसा डॉक्टर हैं। मेरा भाई आईआईटीयन है और वर्तमान में पुणे में नौकरी कर रहा है। एक भाई आईआईटी पटना से अपना यूजी पूरा कर रहा है।

डॉ अंकिता बताती हैं कि मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से शुरू की और पहले प्रयास में एआईपीएमटी में चयनित हुई। मैं केजीएमयू में एमबीबीएस 2011 बैच की छात्रा थी और मेडिसिन से अपना एमडी किया। डॉ अंकिता को एमबीबीएस में भी गोल्‍ड मेडल मिला था। वह कहती हैं कि यह मेरे लिए, मेरे परिवार के सदस्यों और शिक्षकों के लिए गर्व का क्षण है कि मुझे एमडी परीक्षा में सर्वोच्च अंक हासिल करने के लिए गोल्ड मेडल मिला है। मैं कार्डियोलॉजी में डीएम करके अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहूंगी। ये सभी मेरे नाना नानी के सपने हैं जिन्हें मैं एक-एक करके पूरा करने की कोशिश कर रही हूं।

मैंने अपना एमडी थीसिस प्रोफेसर एससी चौधरी के मार्गदर्शन में पूरी की और उसको पबमेड इंडेक्स इंटरनेशनल जर्नल एनल्स ऑफ अफ्रीकन मेडिसिन में प्रकाशित करने के लिए स्वीकार किया गया है। मुझे कार्डियोलॉजी में गहरी दिलचस्पी है और मैं अपने गुरु डॉ अभिषेक सर को धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने एमडी समय के दौरान मुझे बहुत कुछ हासिल करने में मदद की है।

डॉ अंकिता बताती हैं कि मैंने अब तक तीन बार अपनी कोविड की ड्यूटी की है। मैं अपनी उपलब्धि अपने परिवार के सदस्यों, अपने शिक्षकों, दोस्तों, वरिष्ठों और जूनियर्स को समर्पित करना चाहूंगी जिन्होंने हमेशा मेरे जीवन की सभी परिस्थितियों में मेरा समर्थन किया है।