देश के दूसरे नम्बर के संस्थान की प्रतिष्ठा को कहीं धूमिल न कर दें लापरवाही के धब्बे
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय केजीएमयू के शिक्षक चिकित्सकों के कार्यों के चलते जहां केजीएमयू को देश के टॉप चिकित्सा संस्थानों में दूसरा नम्बर मिला है यह निश्चित रूप से गर्व की बात है लेकिन संस्थान की गरिमा बनाये रखने की जिम्मेदारी पूरी टीम की होती है। जिसमें शिक्षक, चिकित्सक से लेकर कर्मचारी तक सभी शामिल हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐसा नहीं हो रहा है। गुरुवार को ही दो मरीजों के तीमारदार स्ट्रेचर के लिए दौड़ते रहे, लेकिन पीआरओ से सम्पर्क करने के बाद भी उनका रवैया टालमटोल वाला रहा।
मरीज और उसके तीमारदारों की सहायता, उन्हें आवश्यक जानकारी मुहैया के लिए ही यहां पीआरओ के पद सृजित किये गये थे जिस पर तैनाती की गयी हैं। लेकिन ये पीआरओ अपने कार्य को ठीक से अंजाम नहीं दे रहे हैं। नतीजा यह है कि अनेक बार मरीज और उनके तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी शिकायतें अक्सर सुनायी पड़ती हैं। गुरुवार को भी ऐसा हुआ, यहां दोपहर में गंभीर हालत में महिला मरीज को लाये तीमारदार स्ट्रेचर के लिए पांचवें तल तक दौड़ लगाते रहे। महिला मरीज आधे घंटे तक लिफ्ट के सामने जमीन पर पड़ी तड़पती रही। यही नहीं जब तीमारदारों ने पीआरओ से संपर्क किया तो उसने खुद ही पांचवें तल स्ट्रेचर तलाशने की बात कहकर वापस कर दिया। यह हाल तब है जब दावे के अनुसार ट्रॉमा सेंटर में 250 से अधिक स्ट्रेचर हैं।
गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे रायबरेली से गंभीर हालत में आई महिला मरीज ज्ञानवती (55) झटके आने संग बेहोशी की हालत में थी। बेटा धीरज गेट पर स्ट्रेचर न मिलने पर पीआरओ आफिस में गया। इसके बाद उसे दूसरे तल से पांचवें तल दौड़ाया गया मगर स्ट्रेचर नहीं मिला। मरीज की हालत बिगड़ती देख पति उसे गोद में उठाकर कैजुल्टी में ले गया। जहां से मरीज को दूसरे तल पर मेडिसिन विभाग में ले जाने को कहा गया।
इसके बाद पति मरीज ज्ञानवती को उठाकर जब थक गया तो उसे जमीन पर लिटाकर स्ट्रेचर तलाशने लगा। स्ट्रेचर के लिए पिता-पुत्र ट्रॉमा के तलों पर चक्कर लगाने लगे। करीब आधे घंटे बाद एक वार्ड ब्वॉय ने तीमारदार को स्ट्रेचर लाकर दिया। जिसके बाद उसे मेडिसिन विभाग में ले गए।
एक अन्य घटना में इसी तरह राजाजीपुरम की रहने वाली महिला मरीज ज्योति को पेट में दर्द की शिकायत पर ट्रॉमा लाया गया। उसके साथ महिला तीमारदार ने स्ट्रेचर के लिए पीआरओ आफिस में संपर्क किया तो दूसरी मंजिल पर महिला तीमारदार को भेज दिया गया। तीमारदारों का आरोप है कि पीआरओ मरीजों की किसी तरह की मदद नहीं करते हैं। इस बारे में केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर ने कहा कि प्रकरण की जानकारी ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस को देकर काररवाई की जाएगी।