-स्तनपान के लिए पृथक कक्ष का उद्घाटन किया प्रमुख अधीक्षक ने
सेहत टाइम्स
लखनऊ। वीरांगना अवंतीबाई महिला अस्पताल (डफरिन) में नर्सें जन्म लेने के तुरंत बाद नवजात शिशुओं को दूध पिलाने के तरीके उनकी माताओं को बताएंगी, साथ ही यदि कोई महिला एक या दो दिन आईसीयू या एचडीयू में रहती हैं तो उसके परिवार की महिला को भी नवजात को दूध पिलाने के तरीके के बारे में जानकारी देंगी। इसके लिए डफरिन अस्पताल में एक अलग कक्ष का गुरुवार को अस्पताल की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. ज्योति मेहरोत्रा ने शुभारंभ किया।
डफरिन की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. ज्योति मेहरोत्रा और सीएमएस डॉ. रंजना प्रसाद ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद ज्यादातर माताएं स्तनपान नहीं करा पाती हैं। उसके कई कारण होते हैं। ऐसे में नवजात को 24 से 72 घंटे तक ऊपर का दूध पिलाया जाता है। नवजात को दूध पिलाने में बहुत अधिक सावधानी की जरुरत होती है। यदि नवजात को गलत तरीके से दूध पिलाया जाता है तो उसकी सांस नली या नाक में दूध जाने का खतरा बना रहता है। इससे नवजात को समस्या हो सकती है।
डफरिन के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद नवजात को कितनी मात्रा में कैसे दूध पिलाना है, इसका तरीका मां के अलावा अस्पताल में साथ रहने वाली महिला तीमारदारों को बताना बहुत जरूरी होता है। माताओं और महिला तीमारदारों को नवजात को दूध पिलाने के लिए एक अलग कक्ष बनाया गया है। यहां पर तैनात नर्सें उन लोगों को दूध पिलाने के सही तरीके बताएंगी।
इस स्तनपान कक्ष (नर्सिंग यूनिट) की स्थापना लखनऊ लेडीज सर्कल 84 एवं लखनऊ राउंड टेबल 136 की पहल लेडीज सर्कल इंडिया की प्रोजेक्ट आयुष्मा पहल के तहत किया गया है। इस मौके पर अतिथि लेडीज सर्कल इंडिया की सेक्रेटरी प्रगति सक्सेना, लखनऊ लेडीज सर्कल 84 की चेयरलेडी आरुषि पांडेय, शिरीन अग्रवाल, सिद्धार्थ सक्सेना आदि मौजूद रहे।


