कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करने के लिए कॉम्बिनेशन थेरैपी पर जोर
लखनऊ। मधुमेह का इलाज करना ही पर्याप्त नही मधुमेह रोगी की लाइफ को नॉर्मल करना जरूरी है। उसकी लाइफ क्वालिटी को बेहतर बनाना है, जो मरीज के उसके जीवन के प्रति सन्तुष्टि और उसकी खुशी पर निर्भर करती है।
यहां चल रहे 3rd ACP India Chapter के तीसरे और अंतिम दिन आयोजन सचिव डॉ अनुज माहेश्वरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डायबिटीज कंट्रोल करने के लिये मरीज की क्वालिटी ऑफ लाइफ को कम नहीं करना चाहिए। भारतीय खाने में करीब 80% कार्बोहाइड्रेट होता है जबकि एक स्वस्थ ब्यक्ति को उसके खाने की 65% कार्बोहाइड्रेट की ही जरूरत होती है। इसलिए हमें मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए ऐसी दवाओं का प्रयोग भी करना चाहिए जो कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करे। इसके लिए चिकित्सकों को कॉम्बिनेशन थेरेपी का इस्तेमाल करना चाहिए।
रात के खाने के दो घंटे बाद चेक करें शुगर
लोग खाने से पहले का ब्लड शुगर तो चेक करते है, किन्तु खाने के 2 घंटे बाद का ज्यादातर समय नहीं करते है। खाने के बाद ब्लड शुगर हार्ट की समस्या को बढ़ावा देता है। इसे कंट्रोल कर हम हार्ट की समस्या को कम कर सकते हैं। रात के खाने के 2 घंटे बाद शुगर जरूर चेक करें इस समय ब्लड शुगर ज्यादा बढ़ा रहता है।
इंसुलिन को अंतिम विकल्प मत बनायें चिकित्सक
IMC मेडिकल कॉलेज के डॉ0 जतिन्द्र कुमार मुक्ता ने बताया कि मधुमेह की बीमारी शरीर में इंसुलिन के कम बनने की वजह या न बनने की वजह से होती है। किन्तु इसे हम मरीजों को इंजेक्शन के माध्यम से देकर कंट्रोल कर सकते है। यह मिथ्या भ्रम है कि एक बार इन्सुलिन लेने के बाद इसे पूरे जीवन लेना पड़ता है। इन्सुलिन लेने के बाद जब मरीज का ब्लड शुगर नॉर्मल हो जाये तो इसे हम छोड़ सकते हैं। इसके लिए हमें लोगो और फिजीशियन को भी जागरूक करना पड़ेगा। आम तौर पर फिजीशियन मरीजों को इन्सुलिन तब देते हैं जब सारे ऑप्शन खत्म हो जाते हैं। किंतु हमे इसे सही समय पर शुरू कर देंना चाहिए। मेरे द्वारा विश्व मे पहली बार 14000 फिट की ऊँचाई पर भी मरीजों को इन्सुलिन दी जाती है।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times