एनबीआरआई में भी मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस
लखनऊ। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एनबीआरआई में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में पर्यावरण संरक्षण एवं मानव जीवन शैली में सामंजस्य बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने प्रकृति संरक्षण की महत्ता को जानते हुए प्रकृति के विभिन्न रूपों, वनस्पतियों एवं जीव जन्तुओं को धार्मिक मान्यता से जोड़ा था।
शहरीकरण के नाम पर वनाच्छादित क्षेत्रों को नष्ट किया गया
उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मात्र किसी विशेष दिवस पर आयोजन न करके पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति के साथ संयोजन को पूरे वर्ष अनेक गतिविधियों के माध्यम से अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने शहरीकरण के नाम पर वनाच्छादित क्षेत्रों को नष्ट किया है, जिसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ आज हमें पर्यावरण असंतुलन देखना पड़ा रहा है, बल्कि साथ ही मानव एवं वन्य जीवों में भोजन एवं आवास के लिए प्रतिस्पर्धा की स्थिति भी उत्पन्न हो गई है। उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए केन्द्र सरकार की शोध संस्थान एन.बी.आर.आई. एवं प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के मध्य शोध एवं पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी पर आधारित परियोजनाओं के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम में एन.बी.आर.आई के निदेशक प्रो. सरोज कान्त बारिक ने उप मुख्यमंत्री, अन्य उपस्थित विशिष्ट जनों एवं विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व-पर्यावरण दिवस के इतिहास एवं महत्ता के बारे में प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. पंकज कुमार श्रीवास्तव ने इस अवसर पर भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा संस्थान में स्थापित इनविस-एन.बी.आर.आई केन्द्र द्वारा किये जा रहे पर्यावरण संरक्षण एवं जागरूकता प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि डा. दिनेश शर्मा ने संस्थान प्रांगण में रुद्राक्ष का पौधा भी रोपित कया। इस कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण वनस्पतिविद समिति के विशेषज्ञ, सीएमएस के संस्थापक पं. जगदीश गांधी एवं प्रो. आर.एस. त्रिपाठी एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डा. पी के सेठ भी उपस्थित रहे।