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एक दिन नहीं, मैं तो एक माह का वेतन देने की घोषणा कर चुका हूं : डॉ महेन्‍द्र नाथ राय

-दान के लिए सहमति पत्र डीआईओएस को भेजना किस नियम में लिखा है 
-सस्ती लोकप्रियता लेने के लिए दूसरे के पैसे पर समाज सेवा करने की कोशिश है यह
डॉ महेन्‍द्र नाथ राय

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री, लखनऊ खण्‍ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चंदेल गुट के प्रत्‍याशी व कालीचरण इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ महेन्‍द्र नाथ राय ने कहा है कि एक दिन का वेतन नहीं, मैंने तो एक माह का वेतन मुख्‍यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा कर दी है। कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मैं कहीं से पीछे नहीं हूं।

डॉ महेन्‍द्र नाथ राय ने यह बात आज जारी बयान में कही है। उन्‍होंने कहा है कि मुझे दिमागी दिवालियापन से ग्रसित एक स्वम्भू शिक्षक नेता द्वारा राजनीतिक द्वेष के कारण सोशल मीडिया में डाली गयी पोस्ट से अवगत हुआ कि जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) डा0 मुकेश कुमार सिंह द्वारा अवगत कराया गया है कि लखनऊ जनपद में केवल कालीचरण इंटर कॉलेज लखनऊ के प्रधानाचार्य डा. महेन्द्र नाथ राय एवं यशोदा रस्तोगी गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्या कुसुम लता राय (पत्नी डा. महेंद्र नाथ राय) द्वारा अभी तक मुख्यमंत्री के कोविड केयर फंड में एक दिन के वेतन की कटौती संबंधी सहमति नहीं दी गई है।

डॉ राय ने कहा कि इस पोस्‍ट में यह भी लिखा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक ने यह भी कहा है कि कालीचरण इंटर कॉलेज एवं यशोदा रस्तोगी गर्ल्स इंटर कॉलेज के अधिकांश शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं विधान परिषद में नेता शिक्षक दल ओम प्रकाश शर्मा, एमएलसी के आह्वान पर एक दिन के वेतन की कटौती कराना चाहते हैं किंतु दोनों विद्यालयों के प्रधानाचार्य 01 दिन के वेतन की कटौती संबंधी सहमति जिला विद्यालय निरीक्षक को नहीं भेज रहे हैं।

डॉ महेन्‍द्र नाथ राय ने अपने बयान में कहा है कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए मुख्‍यमंत्री राहत कोष में कौन कितना वेतन दे सकता है, यह उस व्‍यक्ति पर निर्भर करता है। लोकतंत्र में बिना अपने शिक्षकों से सहमति प्राप्त किए प्रधानाचार्य कैसे डीआईओएस को सहमति पत्र दे सकता है, क्‍योंकि वेतन शिक्षक का है,  और उस पर उसका पूरा अधिकार है, और जो प्रधानाचार्य के अधिकार में नही है उसके बारे में वह फैसला कैसे ले सकता है। यह अधिकार वेतन प्राप्त शिक्षक और कर्मचारी के अलावा किसी को भी नही प्राप्त है कि वह दान दे कि नहीं और अगर दे तो कितना दे।

डॉ राय ने कहा कि मैंने और यशोदा रस्तोगी गर्ल्‍स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल कुसुमलता राय अपने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों तथा सभी मित्रों से राहत कोष में सहायता करने का अनुरोध कर चुके हैं कि जो जितना चाहे स्‍वेच्‍छा से दान देकर आयकर की धारा 80 जी का लाभ भी प्राप्‍त कर ले।

उन्‍होंने कहा है कि मैं और यशोदा रस्तोगी गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ कुसुम लता राय एक दिन नहीं बल्कि एक माह का वेतन देना चाहते हैं। डॉ राय ने कहा कि इस बारे में समाचार पत्रों के माध्यम से हम 30 मार्च को सूचित कर चुके हैं कि माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक एवं नेता निर्दलीय समूह के सभापति एमएलसी राजबहादुर सिंह चंदेल सहित 4 निर्दल एमएलसी के साथ ही मैं भी अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

डॉ राय ने कहा है कि मैं उन स्‍वयंभू नेता से जानना चाहता हूं कि वेतन वितरण अधिनियम की किस धारा या नियम के अंतर्गत बाध्‍यता है कि शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन कटौती का सहमति पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक को दिया जाये। उन्‍होंने कहा कि  देश इस समय भीषण संकट से गुजर रहा है, लोग परेशान है, ऐसे में राजनीति चमकाने के लिए स्‍वयंभू नेता जैसे लोग इस तरह का प्रयास कर रहे हैं, यह निंदनीय है। सस्ती लोकप्रियता लेने के लिए दूसरे के पैसे पर समाज सेवा करने का प्रचलन चल रहा है, इसकी भी मैं निंदा करता हूं।

उन्‍होंने कहा कि महत्‍वपूर्ण यह है कि राहत कोष में पैसा जमा करना है, माध्यम कोई भी हो चाहे सीधे जमा हो या डीआईओएस के माध्यम से हो, क्या फर्क पड़ता है। पैसा तो राहत कोष में ही जाएगा। ऐसे में अपनी तरफ से अब तक राहत कोष में धनराशि न देने वाले डीआईओएस और स्‍वयंभू नेता, दूसरों के दान को अपने स्‍तर से देकर झूूठी वाहवाही लूटने के लिए बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह विचलित हैं।