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गैर भाजपा शासित राज्‍यों ने पुरानी पेंशन का निर्णय ले लिया, पीएम भी करें विचार

-इप्‍सेफ ने कहा, जब सबको पेंशन तो सरकारी कर्मचारियों को क्‍यों नहीं

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। गैर बीजेपी राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन की बहाली का निर्णय ले लिया है जिसमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली एवं पंजाब प्रमुख हैं। पश्चिम बंगाल में पहले से ही एनपीएस लागू नहीं है।

राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीएस कटौती बंद कर दी है। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद दिया है जिन्होंने पुरानी पेंशन की बहाली का निर्णय लिया है तथा आशा व्‍यक्‍त की है कि  केंद्र सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर निर्णय करेगी।

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा ने बताया कि गैर बीजेपी राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री एवं देश भर के लोकसभा-राज्यसभा सदस्यों को पत्र भेजकर आग्रह किया गया था कि पुरानी पेंशन बहाली की जाए जिसके तहत राज्य की सरकारों द्वारा निर्णय लेना प्रारंभ कर दिया है। उन्‍होंने बताया कि लगभग 100 सांसदों ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और लोकसभा-राज्यसभा सदन में चर्चा करने का प्रयास कर रहे हैं।

राष्ट्रीय महामंत्री प्रेम चंद्र ने बताया कि देश भर के सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में हैं और इसके लिए आंदोलन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है और प्रधानमंत्री से पुनः विनम्र आग्रह किया गया है कि देश भर के कर्मचारियों की पीड़ा को समझकर निर्णय करें। अंग्रेजों की सरकार से पेंशन मिल रही थी व्यापार के कारण उन्हें इस सुविधा को समाप्त करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई व्यापारिक संस्था नहीं है जो घाटा-मुनाफा देखें। उसे कई ऐसी योजनाएं चलानी पड़ती हैं जिससे कोई आस नहीं होती है। इसी के तहत केंद्र सरकार गरीबों को मुफ्त राशन एवं अन्य सुविधाएं दे रही है।

राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने कहा कि निरंतर बढ़ रही महंगाई से वैसे भी कर्मचारी परिवार परेशान हैं, पेट्रोल-डीजल गैस एवं खाद्य सामग्री में बढ़ोतरी से तो वेतन भोगी कर्मचारी को परिवार का भरण पोषण करना कठिन हो गया है। चिंता का विषय है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी को जब पेंशन भी नहीं मिलेगी तो उसकी रोटी कैसे चलेगी। प्रधानमंत्री को चिंतन करना चाहिए कि सबको पेंशन, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन क्यों नहीं।

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