-टीबी मरीजों को गोद लेने के कार्य में जुटे केजीएमयू के उप नर्सिंग अधीक्षक को साथियों का भी मिल रहा सहयोग


सेहत टाइम्स
लखनऊ। केजीएमयू के उप नर्सिंग अधीक्षक प्रदीप गंगवार ने पिछले दिनों टीबी उन्मूलन अभियान के तहत निक्षय मित्र बनकर उन्हें गोद लेने की शुरुआत की थी। इसके तहत उन्होंने 21 मरीजों को गोद लिया था, इसी क्रम में आज 10 मार्च को उन्होंने 51 और मरीजों को गोद लिया है, इस प्रकार अब तक 72 मरीजों को वे गोद ले चुके हैं। उनका कहना है कि लखनऊ को टीबी मुक्त बनाने का सपना लेकर मैंने यह प्रयास शुरू किया था, मेरा लक्ष्य विश्व टीबी दिवस (24 मार्च, 2025) तक 101 मरीजों को गोद लेने का है।

ज्ञात हो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की पहल पर शुरू किये गये इस अभियान के तहत जो भी लोग टीबी के मरीजों को गोद लेते हैं, वे मुख्यत: उन मरीजों के पोषणयुक्त आहार की व्यवस्था करने के साथ ही मरीजों द्वारा नियमित दवाओं का सेवन किया जाना भी सुनिश्चित करते हैं (क्योंकि कई बार मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं) हालांकि केंद्र सरकार द्वारा पोषणयुक्त आहार के लिए प्रतिमाह के हिसाब से मरीज के खाते में नकद धनराशि भी दी जाती है, लेकिन समाज के विभिन्न वर्ग के सक्षम लोगों को निक्षय मित्र बनाकर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की मदद के लिए किया जाने वाला यह अतिरिक्त प्रयास है। गोद इस अभियान का उद्देश्य विशेषकर गरीब वर्ग के रोगियों की द्वारा मदद करना है।
इसी क्रम में आज प्रदीप गंगवार द्वारा लखनऊ के कैंट स्थित ‘छावनी संयुक्त चिकित्सालय’ के 51 टीबी मरीजों को गोद लिया गया। पिछले एक माह में प्रदीप गंगवार द्वारा 72 मरीजों को गोद लिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन 72 मरीजों को समाज के एवं के जी एम यू के ज़िम्मेदार और संवेदनशील नागरिकों द्वारा जिसमें विकास वर्मा, मधुलिका सिंह, अनिता राठौर, नरेंद्र मौर्य, अनूप कुमार, मोहिनी, संतोष इत्यादि के सहयोग से गोद लिया गया है।
उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को प्रति माह पोषक आहार की एक पोटली बनाकर वितरित की जाती है जिसमें गुड, चना, मूंगफली, सोयाबीन, मखाना, दलिया, तिल का लड्डू, अंडा, सत्तू इत्यादि हाई प्रोटीन युक्त पदार्थ प्रचुर मात्रा में रहते हैं। आज आयोजित कार्यक्रम में प्रदीप गंगवार द्वारा महाकुंभ से लाये त्रिवेणी संगम के गंगा जल को भी टीबी मरीजो कों वितरित किया गया। उनका कहना था कि जो लोग टीबी से ग्रसित होने के चलते महाकुंभ नहीं जा पाये। उनको संगम का जल प्रदान कर आस्था की डुबकी लगाने का एक आध्यात्मिक एवं मानसिक ताक़त प्रदान करने का प्रयास किया गया है। संग़म का जल पाकर कई टीबी मरीज़ भावुक हो उठे। मरीजों का कहना था कि यह बहुत पुण्य का कार्य है, आपको दुआयें मिलेंगी।


प्रदीप गंगवार बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय टीबी दिवस तक उनका लक्ष्य 101 टीबी के मरीज़ गोद लेने का है। उन्होंने बताया कि ज़िला क्षय अधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंघल द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी चिकित्सा संस्थान, अस्पताल या किसी अन्य सरकारी /प्राइवेट संस्थान के सरकारी सेवक द्वारा इतनी बड़ी संख्या में अभी तक टीबी मरीज़ों को गोद नहीं लिया गया है किंतु किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बतौर उप नर्सिंग अधीक्षक के पद पर कार्यरत प्रदीप गंगवार द्वारा इतनी बड़ी संख्या में टीबी मरीजों को गोद लेकर ऐतिहासिक और साहसिक कार्य किया गया है।
छावनी संयुक्त चिकित्सालय के प्रभारी डॉ एस सी जोशी द्वारा प्रदीप गंगवार को टीबी चैंपियन के नाम से सम्मानित किया गया, चूँकि प्रदीप गंगवार 2011 में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में तैनाती के दौरान टीबी से ग्रसित हो चुके हैं। टीबी की ज़िला नोडल अधिकारी डॉ कीर्ति सक्सेना ने कार्यक्रम में मौजूद मरीजों को टीबी के सही उपचार के लिए जागरूक किया।
प्रदीप गंगवार द्वारा टी बी मरीजों को गोद लेने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। श्री गंगवार का कहना है कि मित्र से बढ़कर कोई रिश्ता नहीं है इसलिए निक्षय मित्र बनकर मैं लखनऊ को टीबी मुक्त कराने में पूरी इच्छा शक्ति से अपना सहयोग प्रदान करता रहूँगा।
आज के कार्यक्रम में ज़िला क्षय अधिकारी (DTO) डॉ अशोक सिंघल, छावनी संयुक्त चिकित्सालय के इंचार्ज डॉ एस सी जोशी, नोडल अधिकारी डॉ कीर्ति सक्सेना, अभय मित्रा, लोकेश वर्मा, राजीव कुमार, राजेश शर्मा इत्यादि टीबी से संबंधित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
