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कैंसर उपचार की अत्‍याधुनिक टेक्‍नोनॉजी को जिला अस्‍पताल तक उपलब्‍ध कराने की जरूरत

-विश्‍व कैंसर दिवस पर कल्‍याण सिंह सुपर स्‍पेशियलिटी कैंसर संस्‍थान के निदेशक का संदेश


सेहत टाइम्‍स
लखनऊ।
यहां चक गंजरिया (सीजी सिटी) स्थित कल्‍याण सिंह सुपर स्‍पेशियलिटी कैंसर संस्‍थान के निदेशक प्रो आरके धीमन ने कहा है कि मौत का दूसरा बड़ा कारण बन चुके कैंसर रोग से ग्रस्‍त रोगियों के उपचार के लिए आवश्‍यक सुविधाओं का विस्‍तार जिला स्‍तर तक के अस्‍पतालों में किये जाने की आवश्‍यकता है।


प्रो धीमन ने यह बात विश्‍व कैंसर दिवस के मौके पर संस्‍थान में आयोजित एक संगोष्‍ठी और एफएम रेडियो पर अपने संदेश में कही। उन्‍होंने कहा कि कैंसर मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। उन्‍होंने कहा कि लंग, स्‍तन, गर्भाशय के मुख, बड़ी आंत के कैंसर मुख्‍य रूप से ज्‍यादा होते हैं। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व कैंसर दिवस की इस वर्ष की थीम क्‍लोज दि केयर गैप है, यानी कैंसर के मरीजों की देखभाल अलग-अलग स्‍तर के अस्‍पतालों में अलग-अलग है। टर्शियरी हॉस्पिटल्‍स, मेडिकल कॉलेज, जिला अस्‍पतालों में अलग तरह से देखभाल होती है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे में जरूरत इस बात की है कि देखभाल के इस गैप को कम करने के लिए जिला स्‍तर तक के अस्‍पतालों तक टेक्‍नोलॉजी को बढ़ायें।


प्रो धीमन ने कहा कि यह कैंसर संस्‍थान उत्‍तर भारत का एक प्रमुख कैंसर संस्‍थान है। उन्‍होंने कहा कि पहले फेज में 500 बेड से शुरुआत होने के साथ ही अंतिम फेज में 1250 बेड तक की स्‍थापना होनी है। प्रो धीमन ने कहा कि अत्‍याधुनिक सुविधाओं से युक्‍त इस संस्‍थान में होने वाला इलाज निजी क्षेत्र के नामचीन कैंसर संस्‍थान से कम नहीं, ज्‍यादा अच्‍छा होगा।


प्रो धीमन ने कहा कि यहां विश्‍वस्‍तरीय इलाज की सुविधा है तथा कैंसर की स्‍टेज के हिसाब से रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी से इलाज किया जायेगा। उन्‍होंने कहा कि संस्‍थान होने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां प्रतिवर्ष राज्‍य के दो लाख मरीजों को उपचार मिल सकेगा। प्रोफेसर धीमन ने कहा की इस संस्थान का उद्देश्य कैंसर के क्षेत्र में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ इसे बेहतर शोध केंद्र के रूप में संचालित करना भी है । उन्होंने बताया कि संस्थान में रेडियोथैरेपी के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाली LINAC मशीन उपलब्ध है । प्रो धीमन ने कहा कि बीते नवंबर 2021 से संस्थान में पैलिएटिव केयर विभाग भी सक्रिय हो चुका है।


संगोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुपम वर्मा ने बताया कि संस्थान में इलाज संबंधित सुविधाओं के लिए और अधिक चिकित्सकों और कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी उन्होंने बताया कि जल्द ही और नए ऑपरेशन थिएटर शुरू किए जाएंगे इसके साथ कैंसर के इलाज के लिए दवाएं भी उपलब्ध कराने का कार्य जारी है।

डॉ हिमांशु प्रिंस


संस्‍थान के असिस्‍टेंट प्रोफेसर व पैलिएटिव केयर विभाग के इंचार्ज डॉ हिमांशु प्रिंस का कहना है कि करीब 50 प्रतिशत कैंसर ऐसे हैं जिनका शुरुआती स्‍टेज में इलाज करके मरीज को बचाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि यह धारणा गलत है कि बायप्‍सी करने की प्रक्रिया में उपकरण के शरीर के अंदर छूने से खतरा बढ़ जाता है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार तम्‍बाकू, अल्‍कोहल, गलत खानपान, आरामतलब जिन्‍दगी और प्रदूषण से कैंसर होता है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे में लोगों को जागरूक किये जाने की जरूरत है कि कैंसर होने के इन कारणों के बारे में ध्‍यान रखा जाये और इनसे बचा जाये जिससे कैंसर से भी बचा जा सके।

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