Saturday , November 23 2024

प्रकृति का दम : सिद्धू की पत्नी ने खान-पान में बदलाव से दी चौथे स्टेज के कैंसर को मात

-डॉक्टरों ने बतायी थी सिर्फ तीन प्रतिशत जीवित रहने की सम्भावना

-लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राकृतिक चिकित्सक ने कहा, शरीर स्वयं एक चिकित्सक

सेहत टाइम्स

लखनऊ/चंडीगढ़। पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया है कि उनकी पत्नी नवजोत कौर ने कीमोथैरेपी के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव करके स्टेज-4 कैंसर को मात दी है। डॉक्टरों ने उन्हें बचने की केवल 3 प्रतिशत संभावना बताई थी, लेकिन उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति, सही डाइट और लाइफस्टाइल बदलाव के सहारे इस चुनौती का डटकर सामना किया। सिद्धू के मुताबिक, डॉक्टरों ने नवजोत की हालत को देखते हुए केवल 3% बचने की संभावना जताई थी, लेकिन उन्होंने अपनी जीवनशैली में बदलाव कर कैंसर को हराया।

सिद्धू ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि उनकी पत्नी ने अपनी दिनचर्या में कई अहम बदलाव किए। नवजोत ने शुगर कम की, चाय छोड़ दी, और तले-भुने खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से नकार दिया। इसके बाद, सुबह नींबू पानी, कच्ची हल्दी, लहसुन, सेब का सिरका और नीम के पत्ते को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया। सिद्धू ने बताया कि नवजोत ने रिफाइंड तेल, समोसा, जलेबी जैसी चीजों को छोड़कर, ताजे और पौष्टिक आहार को प्राथमिकता दी। इसके अलावा, उन्होंने चाय की जगह दालचीनी, लौंग, काली मिर्च और छोटी इलाइची उबालकर पीना शुरू किया। सिद्धू का मानना है कि कैंसर एसिडिक चीजों में बढ़ता है, इसलिये पानी का पीएच लेवल 7 होना चाहिए।

पूर्व क्रिकेटर और नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने स्टेज-4 कैंसर को हराकर एक असंभव सी लगने वाली जंग जीती. डॉक्टरों ने उन्हें बचने की केवल 3 प्रतिशत संभावना बताई थी, लेकिन उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति, सही डाइट और लाइफस्टाइल बदलाव के सहारे इस चुनौती का डटकर सामना किया, और जीत हासिल की। उनकी पेट स्कैन की रिपोर्ट मेंं उन्हें कैंसर फ्री घोषित कर दिया है। इसके बाद सिद्धू ने अपनी पत्नी के कैंसरमुक्त होने की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से दी है। इसका वीडियो वायरल हो रहा है।

सिद्धू ने बताया कि सही डाइट और लाइफस्टाइल के चलते उनकी पत्नी ने केवल 40 दिनों में स्टेज-4 कैंसर से छुटकारा पा लिया। डॉक्टरों की 3 प्रतिशत बचने की संभावना को गलत साबित करते हुए उन्होंने न केवल खुद को ठीक किया, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन गईं। उन्होंने खुलासा किया कि उनकी पत्नी ने कैंसर के इलाज के दौरान आयुर्वेदिक डाइट को अपनाया. इस डाइट का पालन करने से न केवल कैंसर ठीक हुआ, बल्कि सिद्धू का खुद का फैटी लिवर भी पूरी तरह ठीक हो गया और उन्होंने 25 किलो वजन कम किया।

फास्टिंग का है बड़ा लाभ

सिद्धू के अनुसार, उनकी पत्नी शाम 6:30 बजे तक डिनर कर लेती थीं और अगले दिन सुबह 10 बजे तक केवल नींबू पानी लेती थीं। इस फास्टिंग प्रक्रिया से शरीर के कैंसर सेल्स खुद-ब-खुद मरने लगते हैं। सिद्धू ने फास्टिंग को डाइट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।

शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स को कहें ना

सिद्धू ने कहा, शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स कैंसर सेल्स को बढ़ने में मदद करते हैं. इसलिए, उनकी पत्नी ने शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स को पूरी तरह से डाइट से हटाकर इसे कैंसर के इलाज का मुख्य हिस्सा बनाया. यह तरीका फैटी लिवर के इलाज में भी उतना ही प्रभावी है.

हर्बल चाय

कैंसर के इलाज के दौरान सिद्धू की पत्नी को एक खास हर्बल चाय दी जाती थी. इसे बनाने के लिए पानी में दालचीनी, काली मिर्च, लौंग और छोटी इलायची उबाली जाती थी. मीठे के लिए इसमें हल्का गुड़ मिलाया जाता था. यह चाय एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होती है और शरीर को अंदर से मजबूत बनाती है.

एंटी कैंसर डाइट

उनकी डाइट में सफेद पेठे का जूस, नट्स, चुकंदर, गाजर और आंवले का जूस शामिल था। रात के खाने में रोटी और चावल के बजाय क्विनोआ दिया जाता था, जो एंटी कैंसर और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर है। नारियल का भी काफी इस्तेमाल किया गया।

इस विषय को लेकर ‘सेहत टाइम्स’ ने जब लखनऊ विश्वविद्यालय के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि शरीर अपने आप में एक बड़ा चिकित्सक है। यदि आहार-विहार पर ध्यान दिया जाये तो गंभीर बीमारी भी शरीर स्वयं ठीक कर लेता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.