ज्यादा टोकाटाकी से बच्चे के व्यक्तित्व का विकास हो जाता है अवरुद्ध
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मोहित शुक्ला से विशेष बातचीत
लखनऊ/प्रतापगढ़। मैं समझता हूं कि आजकल छोटे बच्चों का हम लोग कुछ ज्यादा ही ध्यान रखकर उनके डेवलेपमेंट को अवरुद्ध कर रहे हैं, हम अपनी सोच उन पर इतना ज्यादा थोप देते हैं कि वे अपने मन से कुछ कर ही नहीं पाते हैं, यह बात उनके व्यक्तित्व के विकास को कहीं न कहीं बाधित करती है।
यह बात प्रतापगढ़ में निजी प्रैक्टिस कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मोहित शुक्ला ने ‘सेहत टाइम्स’ से एक विशेष वार्ता में कही। डॉ मोहित शुक्ला ने इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद एमडी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से किया है। डॉ मोहित शुक्ला ने कहा कि बहुत ज्यादा टोका-टाकी नहीं करनी चाहिये, कुछ उन्हें अपने मन से भी करने देना चाहिये। हम लोग उनसे रोबोट की तरह काम कराना चाहते हैं, जो कि उचित नहीं है, क्योंकि हर बच्चे की सोच अलग होती है, ऐसे में अपनी सोच उन पर थोपनी नहीं चाहिये।
डॉ राहुल भारत के ब्रेन रक्षक प्रोग्राम से प्रभावित हैं डॉ मोहित
बच्चों में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के चलते होने वाली ऑटिज्म बीमारी के बारे में गहराई से जानने और उसके उपचार की सही दिशा के बारे में जानने की काफी जरूरत है। मैंने डॉ राहुल भारत के सेमिनार अटैन्ड किये हैं और उससे मुझे इस बीमारी के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों के उपचार का डॉ राहुल भारत का जो प्रोग्राम है, वह काफी अच्छा है, भविष्य में मैं इससे जुड़ना भी चाहूंगा।
एसोसिएशन ऑफ चाइल्ड ब्रेन रिसर्च (एसीबीआर) के संस्थापक डॉ राहुल के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें अच्छी जानकारी है, उनसे जब भी कोई राय लो तो वह साफगोई से अपनी राय देते हैं। मैं उनसे चिकित्सक और व्यक्ति के रूप में मैं बहुत प्रभावित हूं।
ज्ञात हो डॉ राहुल भारत ने कैम्ब्रिज यूके से पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी की पढाई करके ऐसे बच्चों को दिये जाने वाले आवश्यक उपचार की ट्रेनिंग उत्तर भारत के बाल रोग विशेषज्ञों को देने का बीड़ा उठाया है जिससे हर शहर में ऐसे बच्चों को इलाज उनके घर के पास ही मिल सके। इसके लिए उन्होंने एसोसिएशन ऑफ चाइल्ड ब्रेन रिसर्च के बैनर तले लम्बी रिसर्च के बाद ‘ब्रेन रक्षक’ नाम से ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार किया है। ब्रेन रक्षक कोर्स में कम से कम दवा और विभिन्न प्रकार की एक्टिविटीज से बच्चों का इलाज किया जाता है।