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पीजीआईसीएच में राज योग पर हुई स्‍टडी में मिले चमत्‍कारी परिणाम

-रोजाना के 20 मिनट के राजयोग से कम हुआ चिन्‍ता व तनाव का स्‍तर

-कोविड 19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल करने वाले कर्मियों एवं चिकित्सकों पर की गयी थी स्‍टडी

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। नोएडा स्थित पीजीआईसीएच में  कोविड 19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल करने वाले कर्मियों एवं चिकित्सकों में तनाव (stress), चिंता (anxiety) के स्तर एवं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन WHO के Well-Being इंडेक्स पर राज योग ध्यान के प्रभाव पर  अध्ययन किया गया। यह अध्ययन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित था। 

निदेशक डॉ अजय सिंह ने बताया कि इस अध्ययन में यह देखने को मिला कि जो लोग  नियमित रूप से 20 मिनट का राज योग ध्यान कर रहे थे उनके चिंता (anxiety) और तनाव (stress) के स्तर में आश्चर्यजनक सुधार हुआ था और वह WHO के Well-Being इंडेक्स में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से पता चला कि जो लोग किसी भी प्रकार के रिलैक्सेशन एक्सरसाइज, मेडिटेशन, योगाभ्यास आदि का अभ्यास करते हैं उनमें चिंता और तनाव का स्तर उन लोगों की अपेक्षा कम पाया गया जो इसका अभ्यास नहीं करते हैं।

उन्‍होंने बताया कि राजयोग ध्यान, ध्यान के एक प्रकार के तौर पर चिंता और तनाव के स्तर को कम करने तथा स्वस्थ एवं प्रसन्न रहने की क्षमता में सुधार करने में आधारभूत विधियों से ज्यादा सक्षम और सुविधाजनक है। आज की तेजी से दौड़ने वाली दुनिया में समय की कमी होने के कारण, समाज हमें अस्वस्थ जीवन शैली अपनाने को मजबूर कर रहा है हर कोई एक स्वस्थ जीवन जीने में समझौता कर रहा है।

उन्‍होंने कहा कि यह तीव्र जीवनशैली ज्यादा देर तक नहीं चल सकती किंतु हम योगाभ्यास, ध्यान योग आदि का अभ्यास करके बेहतर स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं। वर्तमान समय में दुनिया में जीवन की हलचल को दूर करने के लिए योग और ध्यान को अपने जीवन में शामिल करना समय की मांग है।

 इस अध्ययन में कुल 241 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिन्हें संस्थान के दो संकाय सदस्यों प्रो उषा किरण, निश्चेतना विभाग एवं डॉ दिव्या जैन बाल नेत्र रोग विभाग एवं राज योग ध्यान के प्रशिक्षक के निर्देशन में  एक माह तक प्रत्येक दिन 20 मिनट का ध्यान का अभ्यास कराया गया। अध्ययन का निदेशक प्रो.अजय सिंह के कुशल मार्गदर्शन में डॉ दिव्या जैन और डॉ उषा किरण द्वारा साइंटिफिक पेपर भी पब्लिश किया जा चुका है।

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