-डॉ. बी.सी.रॉय नेशनल अवार्ड सहित 60 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किये जा चुके हैं डॉ राजेन्द्र प्रसाद
सेहत टाइम्स
लखनऊ। एराज लखनऊ मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद को ट्यूबरक्यूलोसिस एण्ड चेस्ट डिजीज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए ट्यूबरक्यूलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया का डा. आर. सी. जैन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। ज्ञात हो प्रो. राजेन्द्र प्रसाद को डॉ. बी.सी.रॉय नेशनल अवार्ड सहित 60 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इन्स्टीट्यूट दिल्ली के पूर्व निदेशक व केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके प्रो राजेन्द्र प्रसाद को यह पुरस्कार नेशनल कान्फेंस ऑफ ट्यूबरक्यूलोसिस एण्ड चेस्ट डिजीज, अंबाला- हरियाणा के उद्घाटन समारोह में प्रदान किया गया। डॉ राजेन्द्र प्रसाद को पूर्व में नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन, इंडियन एसोसिएशन फॉर ब्रांकोलोजी, थोरेसिक इंडोस्कोपी सोसाइटी ऑफ इंडिया व इंडियन चेस्ट सोसायटी के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
वर्तमान में प्रो. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के नेशनल टास्क फोर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं यूपी टीबी एसोशिएसन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। वह भारत के क्षय रोग एसोशिएसन की तकनीकी स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे हैं। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही देश के सभी सरकारी व गैर सरकारी मेडिकल कालेजों को नेशनल क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में सम्मिलित कराने में डा. प्रसाद की भूमिका अतुलनीय है। भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा उन्हें वर्ष 2006, 2015 और 2019 में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के ज्वाइंट मॉनिटरिंग मिशन के लिए मनोनीत किया गया। उत्तर प्रदेश में उन्हें पल्मोनरी मेडिसिन के जनक के रूप में भी जाना जाता है। पूर्व में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेशनल टेक्निकल एक्सपर्ट ग्रुप आन डायगनोसिस एण्ड ट्रीटमेंट ऑफ ट्यूबरकुलोसिस, रेगुलेशन ऑफ न्यूवर एन्टी टीबी ड्र्ग्स, डीएसटी गाइडेड ट्रीटमेंट ऑफ ड्रग्स रेजिस्टेन्ट टीबी और बीडाक्यूलीन कंडीशनल एक्सपेंडेड एक्सेस प्रोग्राम ऑफ इंडिया के सदस्य के रूप में कार्य कर चुके हैं। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की एमडीआर, एक्सडीआर टीबी स्टैन्डर्ड ऑफ टीबी केयर, एचआईवी एण्ड टीबी एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी की इंडियन गाइडलाइन को विकसित करने में सक्रिय भूमिका रही है। भारत की प्रतिष्ठित रिसर्च संस्थाओं जैसे नेशनल आपरेशनल रिसर्च कमेटी ऑफ नेशनल ट्यूबरकुलोसिस, एलिमिनेशन प्रोग्राम, इंडियन टीबी रिसर्च कॉनर्सोटियम, इंडियन कॉउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के टॉस्क फोर्सेज के सदस्य रह चुके हैं।
प्रो. प्रसाद ने अपनी उत्कृष्ट योग्यता द्वारा अब तक 200 शोध कार्यो को पूर्ण कराया है तथा इसके साथ-साथ उन्होंने 400 से भी अधिक पेपर को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किया। 11 पल्मोनरी चिकित्सा सम्बन्धित पुस्तकों को भी संपादित किया है, जिसमें चार पुस्तकें केवल क्षय रोग की हैं।