Friday , October 11 2024

अपने ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना आपके हाथ में है, जानिये कैसे

-जितना ज्‍यादा नमक, उतना ज्‍यादा ब्‍लड प्रेशर : डॉ अनिता सक्‍सेना
-ऐसी चीजें हैं जिन्‍हें खाकर ब्‍लड प्रेशर को रखा जा सकता है कंट्रोल में
डॉ अनिता सक्‍सेना

धर्मेन्‍द्र सक्‍सेना

लखनऊ। हाई ब्‍लड प्रेशर होने के कारणों में खानपान एक बड़ा कारण है क्‍योंकि हमारा रुझान भारतीय खाने में कम पश्चिमी खाने की ओर ज्‍यादा होता जा रहा है। अगर खाने में हम कुछ चीजों का सेवन करने और कुछ का न करने का ध्‍यान रखें तो हाइपरटेंशन से बचे रह सकते हैं। खाना पकाने में सरसों का तेल प्रयोग किया जा सकता है, इसमें वही गुण हैं जो ऑलिव ऑयल यानी जैतून का तेल में हैं तथा यह सस्‍ता भी है और हर घर की पहुंच में है। दिन भर में नमक का सेवन पांच ग्राम से ज्‍यादा नहीं करना चाहिये।

यह जानकारी यहां संजय गांधी पीजीआई में चल रही नेफ्रोलॉजी पर कार्यशाला में डॉ अनिता सक्‍सेना ने देते हुए बताया कि ब्‍लड प्रेशर बढ़े और उसका कारण समझ नहीं आये तो ऐसे ब्‍लड प्रेशर को प्राइमरी हाईपरटेंशन कहते हैं। आज लोगों को ब्‍लड प्रेशर ज्‍यादा होने की बीमारी जो तेजी से बढ़ती जा रही है उसमें खानपान एक बड़ा कारण है, हमारे खाने में फल और सब्जियों की कमी होती है, इसके विपरीत हम लोग जो अधिकतर खाना खाते हैं, उनमें तला, केक, पेस्‍ट्री, समोसा, रेड मीट, फुल फैट मिल्‍क, डेयरी प्रोडक्‍ट ज्‍यादा होता है, और इन सभी चीजों में ज्‍यादा सेचुरेटेड फैट होता है। जब हम पश्चिमी भोजन की ओर अपना रुझान दिखाते हैं तो पिज्‍जा, बर्गर, चाउमिन आदि के द्वारा नमक भी ज्‍यादा मात्रा में शरीर में जाता है, ओर ज्‍यादा नमक ब्‍लड प्रेशर बढ़ने का कारण है। इसके अतिरिक्‍त अन्‍य कारणों में ज्‍यादा नमक, सेचुरेटेड फैट, ज्‍यादा वजन (ओवरवेट) होना, स्‍मोकिंग करना भी शामिल है।

डॉ अनिता ने बताया कि ऐसे में प्रश्‍न उठता है कि क्‍या करें, उन्‍होंने बताया कि अपने भोजन में फल, सब्जियां, चिकनाई के लिए जैतून का तेल, मूंगफली का तेल या सरसों का तेल, ओमेगा 3 और बादाम या अखरोट का सेवन अवश्‍य करना चाहिये तथा पांच ग्राम तक सोडियम का प्रयोग करना चाहिये। उन्‍होंने बताया कि ओमेगा 3 मछली में ज्‍यादा मिलता है लेकिन जो लोग मछली नहीं खाते हैं वे दिन भर में तीन से चार कॉडलिवर ऑयल के कैप्‍सूल ले सकते हैं, इसके अलावा अलसी में भी ओमेगा 3 होता है, इसका भी उपयोग किया जा सकता है। उन्‍होंने बताया कि साधारण तौर पर हम दिन भर में 9 से 11 ग्राम नमक का इस्‍तेमाल करते हैं, जो कि जरूरत से दोगुना ज्‍यादा है, पांच ग्राम रोज नमक ही हमारे शरीर के लिए पर्याप्‍त है। आपको बता दें कि नमक में 50 प्रतिशत सोडियम और 50 प्रतिशत क्‍लोराइड होता है। यानी सोडियम ढाई ग्राम से ज्‍यादा ब्‍लड प्रेशर का कारण बन सकता है।

उन्‍होंने बताया कि यह ध्‍यान देने की बात है कि सेचुरेटेड फैट को कम करने के लिए दूध का इस्‍तेमाल मलाई निकाल कर करना चाहिये। उन्‍होंने सलाह दी कि जिन्‍हें अपने काम के सिलसिले में दिनभर ज्‍यादा भागदौड़ करनी पड़ती है उन्‍हें अपनी जेब में बादाम और छिले हुए अखरोट आधी से एक मुठ्ठी भर रखना चाहिये, इसे जब मौका लगे बीच-बीच में खा लेना चाहिये, पहली बात तो यह भूख को शांत करेगा दूसरी बात यह ब्‍लड प्रेशर के लिए बहुत ही फायदेमंद है।

उन्‍होंने कहा कि अगर ब्‍लड प्रेशर बढ़ा हुआ है तो नमक की मात्रा 1.8 ग्राम अगर कम करेंगे तो ब्‍लड प्रेशर 4 एमएम कम हो जायेगा। इसी अनुपात में ब्‍लड प्रेशर नॉर्मल रेंज में लाने के लिए नमक की मात्रा कम की जा सकती है।