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तनाव कैसा भी हो, योग व मेडिटेशन के सरल तरीके अपनाकर रखें दूर

केजीएमयू में आधुनिक युग में मेडिटेशन का महत्‍वविषय पर व्‍याख्‍यान

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। आज के युग में प्रत्‍येक व्‍यक्ति किसी न किसी तनाव एवं चिंता से ग्रस्‍त है, अलग-अलग कारणों से होने वाले तनाव को दूर रखने का आसान सा उपाय योग एवं मेडिटेशन है। इसे अपना कर जीवन को तनावमुक्‍त बनाया जा सकता है।

यह विचार आज (24 जुलाई) किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्राउन हॉल में ईशा फाउण्डेशन की पूर्णकालिक स्वयंसेवी मां मधुचन्द्रा द्वारा ‘आधुनिक युग में मेडिटेशन का महत्‍व’ “Importance of Meditation in Modern World”   के विषय पर अतिथि व्याख्यान में व्‍यक्‍त किये गये। मां मधुचन्द्रा ने योग एवं मेडिटेशन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि आज के आधुनिक युग में हर व्यक्ति चिंता एवं तनाव से ग्रस्त हैं तथा उसके जो कार्य हैं वे काफी तनावपूर्ण हैं, जैसे मरीज को अपनी बीमारी में सबसे ज्यादा तनाव होता है, छात्र को पढ़ाई एवं परीक्षा का तनाव, ऑ‍फि‍स में काम करने वालों को ज्यादा काम करने का तनाव आदि। उन्होंने बताया कि काम नहीं बल्कि मानसिक स्थिति तनावपूर्ण होती है तथा इस तनावपूर्ण स्थिति का कारण आंतरिक मन की शक्ति का सुचारु रूप से संचालित न हो पाना है।

मां मधुचन्द्रा ने बताया कि योग एवं मेडिटेशन के माध्यम से हम अपने आंतरिक वातावरण को इस तरह से संचालित कर सकते हैं कि हर परिस्थिति में आनंदपूर्ण रहा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सद्गुरू जग्गी वासुदेव द्वारा निर्मित ईशा फाउण्डेशन योग एवं मेडिटेशन के बहुत ही सरल तरीके उपलब्ध करा रही है। उन्होंने इस कार्यक्रम की आंतरिक संरचना के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्यक्रम आज के समय में घर बैठे ऑनलाइन भी कर सकते हैं, जिसका अंतिम भाग सद्गुरू की उपस्थिति में 5 एवं 6 अक्टूबर को सम्पन्न होगा।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एमएलबी भट्ट, डीन, नर्सिंग प्रो मधुमति गोयल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार, ट्रॉमा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा0 संदीप तिवारी, डीन, रिसर्च सेल, प्रो आरके गर्ग, नेत्ररोग विभाग के डॉ अरुण शर्मा सहित विभिन्न विभागों के चिकित्सक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।