-ब्रह्माकुमारीज जानकीपुरम सेवा केंद्र ने रक्षाबंधन पर आयोजित किये कार्यक्रमों में विभिन्न वर्गों के लोगों को बांधी राखी
-सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ़ होम्योपैथी में ब्रह्मकुमारीज ने मनाया रक्षा बंधन
-किशोर सुधार गृह के किशोरों और आईटीबीपी के जवानों को राखी बांधी
-पुलिस आयुक्त व अन्य पुलिस अधिकारी गणों को भी बांधा रक्षा सूत्र
सेहत टाइम्स
लखनऊ। जानकीपुरम स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा रक्षा बंधन पर्व के उपलक्ष्य में कई स्थानों पर रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित किये गये। इन कार्यक्रमों में समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों को राखी बांधी गयी। इन कार्यक्रमों में जानकीपुरम केन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी सुमन ने अन्य ब्रह्मकुमारीज के साथ रक्षा बंधन के पवित्र पर्व का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए राखी बांधी। जानकीपुरम विस्तार स्थित सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ़ होम्योपैथी में आयोजित रक्षाबंधन के कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी आशा ने कहा कि जिस प्रकार तन के लिए मेडिसिन की आवश्यकता है, उसी प्रकार मन के लिए मेडिटेशन यानी ध्यान की जरूरत होती है।
उन्होंने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक महत्व को बताते हुए कहा कि वास्तविक रूप में परमात्मा ही हमारी रक्षा करते हैं उन्होंने सभी उपस्थित डॉक्टर को मेडिटेशन कराते हुए कहा कि अपने मन से यदि हम प्रेम से बातें करते हैं तो मन शांति से हर परिस्थिति में कार्य करता है। इस कार्यक्रम में पूर्व निदेशक डॉ जेपी सिंह, निदेशक डॉ लिपि पुष्पा तथा अन्य डॉक्टर्स व स्टाफ को राखी बांधी गई।
जानकी पुरम केंद्र पर विशिष्ट अतिथियों के लिए रक्षा बंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पुलिस, शिक्षा, मीडिया, मेडिकल, बैंक, एनजीओ इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी सुमन ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन द्वारा मानव मन एवं बुद्धि की क्षमताओं का विकास होता है। रक्षाबंधन पर्व पर दृष्टि की पवित्रता और वाणी की मधुरता की प्रतिज्ञा सभी से करायी। सशक्त मन और शुभ भावना से ही सभी सामाजिक बुराइयों का विनाश होता है।
राजयोग के बेहतरीन फायदों की वजह से अब पूरी दुनिया भारत की इस देन को अपना रही है। उन्होंने राजयोग मेडीटेशन द्वारा जीवन को कैसे सहज बनाया जा सकता है उस पर विस्तार से बताया। इस कार्यक्रम में बहनों द्वारा आईपीएस अधिकारी, बैंक के अधिकारी, शिक्षण संस्थान के चेयरमैन और प्राध्यापक, डॉक्टर्स एवं अन्य को राखी बांधी गई और सम्मानित किया गया एवं सेवा केंद्र की आशा बहन, निर्मला बहन और स्नेह बहन उपस्थित रही।
एक अन्य कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारी बहनों ने किशोर सुधार गृह के किशोरों और आईटीबीपी के आईजी सुनील राय सहित अन्य जवानों को राखी बांधी। ब्रह्मा कुमारी जानकीपुरम केंद्र की ब्रह्मकुमारियोंं ने बाल सुधार गृह में किशोर बालकों को राखी बांध कर श्रेष्ठ विचारों का आह्वान करते हुए सकारात्मक संकल्प कराया। ब्रह्मकुमारी सुमन ने सभी को रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए सभी किशोर और आईटीबीपी के जवानों की कलाई पर रक्षा सूत्र बंधा कर सभी को राजयोग मैडिटेशन भी सिखाया। ब्रह्मा कुमारी बहनों ने बताया कि भारत में जितने भी त्यौहार मनाये जाते हैं उन सबमें से रक्षाबंधन सबसे अधिक सात्विक मालूम होता है जिस अर्थ को लेकर ये त्यौहार शुरू हुआ था उसमें काफी अन्तर आ गया है। आज जो रक्षा बन्धन का त्यौहार मनाया जाता है उसमें प्रायः बहनें, भाई को राखी बााँधती हैं। लोग इसका यह अभिप्राय समझते हैं कि इस रस्म के बाद भाई अपनी बहन की रक्षा करने के लिए बाध्य हो जाता है। परन्तु अब हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि रक्षाबंधन का आदि और वास्तविक अभिप्राय यही था क्या रक्षाबंधन का यह रहस्य मानना विवेक सम्मत है
इसके अतिरिक्त महानगर स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय में रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्मकुमारी सुमन ने पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर, आईपीएस व अन्य पुलिस अधिकारी गणों को राखी बांधी एवं रक्षाबंधन के सही आध्यात्मिक रहस्यों एवं महत्व से अवगत कराया तथा समाज में व्याप्त दूषित मानसिकता को राजयोग मेडिटेशन द्वारा कैसे सहज ही दूर किया जा सकता है इस पर भी विस्तार से बताया। इसके अतिरिक्त पीएसी मुख्यालय में एडीजी पीएसी सुजीत पाण्डेय, आईजी स्टेब्लिशमेंट आशुतोष कुमार सहित अन्य जवानों को भी राखी बांधी। ब्रह्माकुमारी सुमन ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। इस समारोह ने रक्षा बंधन के मूल्यों को पुनर्जीवित किया और समुदाय के बीच एकता और सौहार्द को मजबूत किया। इस अवसर पर सेवा केंद्र की ब्रह्माकुमारी स्नेह और ब्रह्माकुमारी निर्मला उपस्थित रहीं।