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पारस्‍परिक तबादले में वरिष्‍ठता प्रभावित होना कर्मचारी हित में नहीं

-राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन कर्मचारी संघ के संविदा कर्मियों के लिए स्‍थानांतरण नीति लागू करने की मांग

योगेश उपाध्याय

सेहत टाइम्‍स
लखनऊ।
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मिलकर राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन कर्मचारी संघ के संविदा कर्मियों के लिए स्थानांतरण नीति लागू किए जाने की मांग करते हुए कहा है कि पारस्‍परिक स्‍थानांतरण की दशा में वरिष्‍ठता प्रभावित होना उचित नहीं है। पत्र में दूसरे राज्‍यों की तर्ज पर स्‍थानांतरण नीति लागू किये जाने की मांग की गयी है।

संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने इस आशय का एक पत्र उप मुख्यमंत्री को सौंपा है। पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की पूर्व की स्थानांतरण नीति कर्मचारियों के हित में नहीं है। पत्र के अनुसार पूर्व के वर्षों में कर्मचारियों का पारस्परिक स्थानांतरण किया गया लेकिन स्‍थानांतरण के साथ ही पुनर्नियुक्ति दर्शित कर वरिष्‍ठता क्रम समाप्‍त कर दिया गया, जो कर्मचारियों के हित में नहीं है।

पत्र में कर्नाटक, केरल और मध्य प्रदेश की सरकारों द्वारा इस प्रकार के कर्मियों की स्थानांतरण नीति के बारे में जिक्र करते हुए उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों का स्थानांतरण राज्य कर्मचारियों की नीति की भांति किए जाने तथा पारस्परिक स्थानांतरण की स्थिति में वरिष्‍ठता का क्रम प्रभावित न किए जाने की मांग की है। योगेश उपाध्याय ने बताया कि उपमुख्यमंत्री ने इस सम्‍बन्‍ध में आवश्यक कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।

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