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अंतर्राष्ट्रीय किडनी रैकेट का पर्दाफाश, नामी महिला चिकित्सक सहित 7 गिरफ्तार

-बांग्लादेश से जुड़े थे गिरोह के तार, दिल्ली पुलिस ने दिया बड़ी कार्रवाई को अंजाम

सेहत टाइम्स

लखनऊ/दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय किडनी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए चार बांग्लादेशियों सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये लोगों में दिल्ली के एक नामी-गिरामी अस्पताल की महिला डॉक्टर भी शामिल है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पकड़ा गया गैंग डायलसिस कराने वाले मरीजों को बांग्लादेश में ढूंढ़ता था। उन्हें सस्ते इलाज के नाम पर भारत लाता था और यहां लाकर उनका पासपोर्ट छीन लेता था। फिर वापस भेजने के नाम पर उनकी किडनी निकालकर किडनी रिसीवर को 20 से 22 लाख रुपए में बेच देता था। इसके बदले डोनर को साढ़े 3 लाख रुपए देकर चुप कर दिया जाता था।

पकड़े गये लोगों में दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल की पूर्व विजिटिंग कंसल्टेंट डॉ. विजया राजकुमारी, उनका असिस्टेंट विक्रम के साथ ही रसेल, मोहम्मद सुमन मियां, मोहम्मद रोकोन, रतेश पाल और शरीक पकड़े गए हैं।

बताया जा रहा है कि गिरफ्तार महिला डॉक्टर ने 15 से 16 ऑपरेशन को अंजाम दिया था. अधिकारियों के मुताबिक अवैध रूप से मानव किडनी का यह काला धंधा बांग्लादेश से संचालित होता था। वहीं ऑपरेशन को अंजाम भारत में दिया जाता था।

रिपोर्ट्स के अनुसार बांग्लादेश के इस रैकेट के मामले में पहले राजस्थान पुलिस ने अहम खुलासा किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच में जुटी थी। पुलिस को पता लगा कि दिल्ली के एक बड़े अस्पताल की महिला डॉक्टर नोएडा के एक अस्पताल में 15 से 16 ट्रांसप्लांट को अंजाम दे चुकी है। आरोप है कि इस महिला डॉक्टर के प्राइवेट असिस्टेंट के अकाउंट में इस अवैध धंधे का पैसा आता था और बाद में महिला डॉक्टर उससे नकद पैसे निकलवा कर ले लेती थी।

रिपोर्ट्स के अनुसार इस पूरे खेल को बांग्लादेश से ही ऑपरेट किया जा रहा था। अपने कुकृत्य को अंजाम देने के लिए रैकेट के लोग डायलिसिस सेंटर जाते थे। वहां पर पता करते थे कि किस मरीज को किडनी की जरूरत है। अगर कोई मरीज 25 से 30 लाख रुपये देने को तैयार हो जाता तो फिर एक इंडियन मेडिकल एजेंसी के जरिए वह उसे इलाज के लिए भारत भेज देते थे।

उसके बाद इस रैकेट के लोग किसी गरीब बांग्लादेशी को पकड़ते थे और उसे पैसों को प्रलोभन देकर किडनी देने के लिए तैयार करते थे। फिर उसे झांसा देकर भारत लाते थे और किडनी की आवश्यकता वाले मरीज को उसका रिश्तेदार बताते थे। इसके बाद उस व्यक्ति का नकली दस्तावेज बनवा कर महिला डॉक्टर के जरिए उसकी किडनी निकलवा लेते थे।

अपोलो अस्पताल ने दी अपनी सफाई

रिपोर्ट्स के अनुसार महिला डॉक्टर दिल्ली सि्थत अपोलो अस्पताल में काम करती है। जैसे ही इस मामले का पता चला तो अस्पताल ने बयान जारी कर इस विषय में अपनी सफाई दी है। अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि महिला डॉक्टर को अस्पताल में पे रोल पर नहीं बल्कि सेवा के बदले फीस के आधार पर नियुक्त किया गया था। अस्पताल द्वारा इस महिला डॉक्टर की सेवा को सस्पेंड कर दिया गया है।

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