लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन की ओर से नव संवत्सर स्वागत और होली मिलन समारोह
वक्ताओं ने किया पत्रकार हितों के मुद्दों पर एक हो जाने का आह्वान
लखनऊ। लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन की ओर से शनिवार को नव संवत्सर स्वागत और होली मिलन समारोह नगर निगम के त्रिलोक नाथ सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया, आरएसएस के प्रांत सह कार्यवाह प्रशांत भाटिया, प्रांत सह कार्यवाह,राज्य सूचना आयुक्त हाफ़िज़ उस्मान, विधान परिषद सदस्य डॉ राजपाल कश्यप मौजूद रहे।
इनके अलावा वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार, प्रमोद गोस्वामी, रामदत्त त्रिपाठी, वीरेंद्र सक्सेना, शतवीर सिंह, निरंकार सिंह, महामंत्री उपजा रमेश चंद्र जैन, श्रीधर अग्निहोत्री, प्रांशु मिश्र, शिवशंकर गोस्वामी, प्रदीप विश्वकर्मा, तारकेश्वर मिश्र, अध्यक्ष मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति आंनद प्रकाश सिंह, वरिष्ठ छायाकार शैलेश गुप्ता, संदीप रस्तोगी, इंद्रेश रस्तोगी, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ इंदू सुभाष, सीईओ, कैवल्य कम्युनिकेशन विशाल मिश्र आदि अनेक लोग उपस्थित रहे।
सूचना आयुक्त हाफ़िज़ उस्मान ने कहा कि पत्रकारों को जान बूझकर कमजोर रखा गया है। एसी और महलों में बैठने वालों को भी आपकी समस्याएं पता हैं लेकिन कुर्सी पर बैठे लोग उनको बनाएं रखना चाहते हैं। जंगल में मोर नाचा किसने देखा, यह दिखाने की जिम्मेदारी का निर्वहन भी आपके कंधों पर है।
महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि भारतीय नव संवत्सर के आयोजन होना बदलाव का प्रतीक है। पत्रकारों की बेहतरी के लिए महापौर के नाते और व्यक्तिगत भी हमेशा योगदान करती रहूंगी। वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि पिछले तीन दशक में यह आयोजन ऐतिहासिक है। नव संवत्सर का यह आयोजन पत्रकारों के लिए एकता का संदेश लेकर आए ऐसी शुभकामना करता हूं।
मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार प्रांशु मिश्र ने कहा कि पत्रकारों के बीच स्नेहमिलन के आयोजन होते रहने चाहिए। लोकतंत्र के रक्षक की भूमिका में मीडियाकर्मियों के समक्ष बहुत चुनौतियां हैं। लघु और मध्यम समाचार माध्यमों की लगातार समस्याएं बढ़ रही हैं। लोकतंत्र की सेहत ठीक रखने के लिए पत्रकारों का स्वस्थ और सानंद रहना बहुत आवश्यक है।
एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि पत्रकार एक ऐसी कड़ी है, नेता उसके बगैर नहीं रह सकता है। तीन स्तंभों की बेहतर व्यवस्थाएं हैं, मीडिया के हालात ख़राब है। चुनौतियों से जूझते पत्रकारों के प्रति सरकारों की सहयोगात्मक रवैया होना चाहिए। लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है कि मीडिया की निष्पक्षता बनी रहे। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने पत्रकारों के लिए आकस्मिक निधि और पीजीआई में मुफ्त इलाज की सुविधाएं दी गईं।
उपजा के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र जैन ने कहा कि हमारी एकता तय करेगी कि सरकार किस ओर चलेगी। पत्रकार हितों के मुद्दों पर हमको एक हो जाना चाहिए। हमें मन, वचन और कर्म से मुसीबत के वक्त वक्त पत्रकारों के साथ देना चाहिए।
अध्यक्षीय भाषण के दौरान वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने बताया कि पत्रकारों को तराशने, संभालने और संवारने का काम ट्रेड यूनियनों का है। ट्रेड यूनियनों की भूमिका पत्रकारों से भी दयनीय है। उन्होंने शेर के माध्यम से अपनी बात कहते हुए बोले, ‘खुद की खातिर न जमाने के लिए जिंदा हैं। हम तो पत्रकारिता को बेहतर बनाने के लिए जिंदा हैं।’ हर सपना भाग्य नहीं होता है। सभी तटों पर झाग नहीं होता है। हर आंचल पर दाग नहीं होता है।’ उन्होंने कहा कि हम लोग कभी टीम भावना से काम करते थे, उस भावना में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस भावना को फिर से जगाने की जरूरत है।
शिक्षाविद पवन सिंह चौहान ने कहा कि नव संवत्सर के बहाने हमारा मिलन बड़ा काम है। पत्रकार वो है जो हर चैलेंज को स्वीकार करते हैं। जीवन जीने की कला सिखाती है। पत्रकारों की भूमिका लगातार बढ़ रही है। समाज को बदलने के लिए पत्रकार निर्भीकता के साथ लिखते रहें, इसके लिए समाज को उनका सहयोग करना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी ने कहा कि होली सामाजिक समरसता, एकता और नई फसल के स्वागत का पर्व है। तमाम कठिनाइयों के बावजूद पत्रकारिता आज भी सबसे पवित्र कार्य है। लोकतंत्र में पत्रकारिता और पत्रकारों की बहुत अहम भूमिका है। लोकतंत्र में पत्रकारिता प्राणवायु की तरह है। अपनी आजादी को बचाए रखने की आज दोहरी चुनौती है।
वरिष्ठ स्तंभकार निरंकार सिंह ने कहा कि देश के आज़ादी के बाद पंचांगों पर पहला अध्ययन डॉ वेदप्रकाश ने किया था। हमारी सभी तिथियां विज्ञान और नक्षत्रों के आधार पर निर्मित हुए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत कार्यवाह प्रशांत भाटिया ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। पत्रकारों की ओर से भारतीय नववर्ष का आयोजन हो रहा है यह बदलाव की प्रक्रिया है। भारतीय नव संवत्सर के अनुसार ही हमारे सभी पर्व, त्योहार, परम्पराएं, धार्मिक और सामाजिक संस्कार इसी नव संवत्सर से ही होती रहें। वरिष्ठ पत्रकार सत्यवीर सिंह ने आपसी एकता की बात एक शेर के माध्यम से कही, उन्होंने कहा कि ‘जिंदगी में ये हुनर भी आजमाना चाहिए। जंग जब अपनों से हो तो हार जाना चाहिए’। हम दूर रहेंगे तो समस्याएं बनी रहती हैं। फलक को जिद है जहां बिजलियां गिराने की, हमें भी जिद है वहीं आशियां बनाने की। छोटी-छोटी गलतियों पर हम अलग रहने के बजाय एक हो जाएं कोई भी समस्या ऐसी नहीं कि उसे दूर न किया जा सके। गिलहरी और गौरैया के प्रयास रंग लाते हैं हम तो फिर भी कलम के सिपाही हैं।
पूर्व सूचना आयुक्त और वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र सक्सेना ने कहा कि ऐसे आयोजनों से चेतना और उल्लास बढ़ता है। ऐसे स्नेहमिलन आयोजनों से समरसता बढ़ती है। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी प्रो.संदीप तिवारी ने कहा कि मीडिया समाज को दिशा देने का काम करती है। पत्रकारों की भूमिका भी समाज में चिकित्सकों की तरह होती है। समाज को दिशा देने वालों के हालात ठीक नहीं है। मीडियाकर्मियों की आमदनी भी दोगुनी हो, इसके प्रयास किए जाने चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन ने कहा कि पत्रकारों में एकजुटता के लिए ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनी रहनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार शिवशंकर गोस्वामी ने कहा कि होली मिलन से भाईचारा मजबूत होता है। वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री, वरिष्ठ पत्रकार मनीष श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र, वरिष्ठ पत्रकार अनुभव शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार प्रद्युम्न तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र सक्सेना ने भी अपने विचार रखे।
लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत सिंह ने कहा कि अल्प सूचना पर आए सभी अतिथियों का आभार है। आयोजन की सफलता के लिए पूरी टीम को उन्होंने बधाई दी। इस मौके पर लखनऊ में कार्यरत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और समाचार माध्यमों में कार्यरत 250 की संख्या में पत्रकारों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ नवीन सक्सेना, पद्माकर पांडेय और एसवी सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन समिति के महामंत्री आशीष मौर्या, गणेश वंदना सुषश आनंद त्रिपाठी ने और वंदे मातरम गायन संज्ञा शर्मा और अनुमेहा शर्मा ने किया।